सब्जियों के दाम छू रहे आसमान, कमजोर हो रहा तड़का, हरी धनिया और लहसुन रसोई से गायब


नागौर. मानसून सीजन के बाद भी सब्जियों के भाव आसमान पर हैं. सावन माह के बाद से सब्जियों की कीमतें लगातार बढ़ रही है. सब्जी के बढ़ते दामों ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है. हर साल बारिश के दिनों में सब्जियों की कीमतें थोड़ी कम हो जाती है, लेकिन इस बार भाव आसमान पर है. सबसे ज्यादा परेशानी कम सैलरी वाले कर्मचारियों को हो रही है.

कई घरों में तो सप्ताह में तीन दिन लौकी की सब्जी बनानी पड़ रही है. सुबह कई घरों में रायता, छाछ व दही से काम चलाना पड़ रहा है. पंद्रह से बीस रुपए किलो बिकने वाले आलू के भाव चालीस रुपए पहुंच गए हैं. टमाटर के भाव साठ रुपए किलो हो गए हैं. थोड़ा सहारा दाल दे रही है. प्याज व टमाटर के साथ लहसुन के भाव बढ़ने से तड़का कमजोर हो रहा है.

हरा धनिया व लहसुन तो गायब
सब्जी का जायका बदलने वाली हरी धनिया तो 80 फीसदी दुकानों व ठेलों से गायब हो चुका है. सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि 300 रुपए किलो में कोई खरीदता ही नहीं, लाकर क्या करें. हरा धनिया तो अब केवल बड़े स्टोर में ही मिल रहा है. हरी धनिया सर्दियों में सब्जी के साथ फ्री मिलता है, अब इसके भाव भी सातवें आसमान पर है. मंडी के पास सब्जी की रेहड़ी लगाने वाले ने बताया कि आगे से ही सब्जियां महंगी आ रही है. लहसुन व हरी धनिया दुकानों पर मिल ही नहीं रहा. लहसुन के भाव चार सौ रुपए किलो के लगभग हो गए है.

नवरात्र के बाद राहत की आस
सब्जी ब्रिकेताओं ने बताया कि नवरात्र के बाद भाव घटने की संभावना है. तब तक कई जगह प्याज की नई फसल आ जाएगी. इसके अलावा फूल गोभी, आलू, मटर व टमाटर जैसी नई सब्जी भी बाजार में आ जाएगी. एक टमाटर विक्रेता ने कहा कि टमाटर गर्मी पड़ने से खराब हो गया. इस लिए इसके भाव बढ़ाने की संभावना है.

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