सब्जी की मिक्स खेती ने बदल दी रामलाल की जिंदगी, महीने में कमा रहे 50 हजार तक मुनाफा


अमित कुमार/ समस्तीपुर: सब्जी उत्पादक समूह की एक सलाह ने बदला दिया रामलाल की कस्मत, अब वह मिक्स सब्जी की खेती कर हो रहे हैं मालामाल. जी हां सुनने में ये लाइन किसी फिल्मी डायलॉग की तरह लग रहा है लेकिन यह सच है. आज हम बात कर रहे है समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड के अकहा गांव निवासी रामलाल सिंह की. कृषि के क्षेत्र में एक सफल किसान के रूप में इनकी पहचान है. रामलाल करेला, परवल और चठेला की खेती करते हैं और इन फसलों का अच्छा उत्पादन कर बाजार में बेचते है. प्रतिदिन वे एक से डेढ़ क्विंटल परवल, चार से पांच दिनों में एक क्विंटल करीब करेला, और सप्ताह में 50 किलो से अधिक चठेला का उत्पादन करते हैं. चठेला स्वाद के अलावा अपने औषधि गुणों के लिए भी जाना जाता है. इसीलिए इसकी कीमत हमेशा मार्केट में अच्छी होती है.

वर्तमान में परवल की कीमत 28 से ₹30 प्रति किलोग्राम है, करेला की कीमत ₹30 प्रति किलोग्राम है, और चठेला की कीमत ₹100 से अधिक प्रति किलोग्राम है. इस तरह, उनके उत्पादन से होने वाली आय अच्छी खासी होती है. उदाहरण के लिए, अगर वे प्रतिदिन 100 से 150 किलो परवल बेचते हैं, तो उनकी परवल से आमदनी 3 हजार से ₹4500 होती है. चार दिनों में 100 किलो करेला बेचकर ₹3,000 प्राप्त करते हैं. और यदि वे सप्ताह में 50 किलो चठेला बेचते हैं, तो इसका आय ₹5,000 होता है. इन सभी स्रोतों से उनकी कुल प्रतिदिन की औसत आय लगभग ₹2,000 हो जाता है. रामलाल सिंह की खेती से होने वाली अच्छी आमदनी उनके मेहनत और कृषि में रुचि को दर्शाता है. उनके इस सफल प्रयास से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है, बल्कि वे गांव में एक प्रेरणास्त्रोत भी बन गए हैं.

क्या कहते हैं किसान
अकहा गांव के निवासी रामलाल सिंह ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वे किसान जागृति सब्जी उत्पादक समूह से जुड़े हुए हैं और उसी समूह के माध्यम से सब्जियों का उत्पादन करते हैं. वर्तमान में, वे एक बीघा खेत में करेला, परवल, और चठेला की मिक्स खेती कर रहे हैं. फसल के तैयार होने के बाद, वे सब्जियों को सीधे समूह को सौंप देते हैं, जिससे उनकी सब्जियां आसानी से विभिन्न बाजारों तक पहुंच जाती हैं. रामलाल सिंह ने कहा कि उनके द्वारा की जाने वाली खेती से उनकी औसत आय प्रतिदिन लगभग ₹2000 के करीब रहती है. वे फसल के मौसम के अनुसार अपनी फसलों में बदलाव भी करते हैं, जिससे उन्हें विभिन्न मौसमों में अच्छा लाभ मिल सके. समूह के साथ काम करने के फायदे को बताते हुए, रामलाल सिंह ने कहा कि इससे उनकी सब्जियों को अच्छे दाम मिलते हैं और बाजार में उनकी उपस्थिति भी मजबूत होती है.

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