समय बीत जाने के बाद क्या कैदी को दोबारा खाना मिलता है? जानिए जेल अधीक्षक से सच्चाई


शाश्वत सिंह / झांसी: लोकल 18 की जेल सीरीज में आपने अभी तक जाना की जेल में बंद सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों का जीवन कैसा होता है. जेल में उनकी दिनचर्या क्या होती है. उन्हें जेल में कौन से काम करने होते हैं. जेल में उन्हें क्या भोजन मिलता है. किस समय भोजन दिया जाता है. लेकिन, एक सच्चाई यह भी है कि भूख तो कभी भी लग सकती है. अगर जेल में बंद किसी कैदी को खाने के समय के अलावा भूख लग जाए तो वह क्या करेगा.

कैदी मंगवा सकते हैं सूखा नाश्ता
कैदियों से जुड़े इस सवाल का जवाब हमें झांसी जिला कारागार के अधीक्षक विनोद कुमार ने दिया. उन्होंने बताया कि जेल में निरुद्ध कैदी अपने परिजनों से फल, बिस्किट, सूखा नाश्ता आदि मंगवा सकते हैं. कैदी इन सभी वस्तुओं को अपने बैरक में रख सकते हैं. अगर उन्हें भोजन का समय बीत जाने के बाद भूख लगती है तो वह इन खाने की सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं.

जांच के बाद मिलती है अनुमति
विनोद कुमार ने बताया कि जेल में बंद कैदियों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है. इसलिए बाहर से जो भी सामग्री परिजन लेकर आते हैं. उसकी अच्छी तरह जांच की जाती है. जांच के बाद ही यह सामान जेल के अंदर पहुंचता है. एक कैदी को कितना सामान दिया जा सकता है यह भी जेल मैनुअल के हिसाब से तय होता है.

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