सांभर झील के अलावा नागौर की क्यारियों में भी तैयार होता है नमक, दीपावली के समय 5 से 8 करोड़ का होता है कारोबार


नागौर. बारिश के बाद नमक की क्यारियों में भरा बारिश का पानी बाहर निकालने का काम बहुत कठिन होता है. नागौर के नावा क्षेत्र में बनी अनेकों नमक की क्यारी में नमक उत्पादन की प्रक्रिया, बारिश के कारण बाधित हो गई है. यहां पर 1000 से ज्यादा मजदूर बारिश थमने के बाद इस बारिश के पानी को बाहर निकालकर क्यारियों को साफ करने में लग जाते हैं, ताकि दीपावली के बाद बड़े पैमाने पर नमक उत्पादन फिर से शुरू हो सके.

नमक उत्पादन के लिए चाहिए साफ सतह
मानसून के दौरान जब बारिश का पानी क्यारियों में पानी भर जाता है, तो यह नमक उत्पादन के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है. इसलिए जैसे ही बारिश का मौसम खत्म होता है श्रमिक कड़ी मेहनत करके पानी निकालते हैं और क्यारियों की सफाई करते हैं. इस सफाई के दौरान नमक क्यारियों को फिर से ठीक किया जाता है और उत्पादन के लिए एक साफ सतह तैयार की जाती है. खारड़ा मालिक पानी कम करने में जुटे है जिसके लिए पानी बाहर निकालने की मोटरें तक लगाई हैं.

5 से 8 करोड़ का होता है कारोबार
दीपावली के बाद नमक उत्पादन की प्रक्रिया तीव्र गति से शुरू होगी. आपको बता दे की दीपावली के समय नमक की भारी डिमांड रहती है. नागौर में नमक उत्पादन की बात करे तो यहां 3 लाख क्विंटल नमक उत्पादन होता है जिससे दीपावली के समय 5 से 8 करोड़ का कारोबार होता है. पानी निकासी नहीं होने के कारण इस बार कारोबार एक माह देरी से होगा.

उच्च क्वालिटी का आयोडीन नमक होता है तैयार
आपको बताते की राजस्थान में सांभर के अलावा नागौर में स्थित नावा क्षेत्र में भी नमक बनता है. यहां पर हजारों मजदूर नमक बनाने का काम करते हैं. नावा की नमक की क्यारियों में उच्च क्वालिटी का आयोडीन नमक तैयार किया जाता है. यहां पर तैयार होने वाले नमक की क्वालिटी भी अच्छी होती है.

FIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 23:12 IST



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