सावधान! जानवरों को न खिलाएं यह हरा चारा, दूध देने वाले पशुओं के लिए है खतरनाक, 1 गिलास भी नहीं मिलेगा मिल्क


Agency:News18 Uttar Pradesh

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Lakhimpur Animal Expert: यूपी के लखीमपुर खीरी में किसान दुधारू पशुओं को चारे के रूप में गन्ने के फसलों का अगला हिस्सा अधिक खिलाते हैं. ऐसे में पशुओं में दूध देने की क्षमता कम हो जाती है. एनिमल एक्सपर्ट ने बताया…और पढ़ें

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पशुओं

पशुओं को न खिलाएं गन्ने की पत्ती 

हाइलाइट्स

  • गन्ने का अगौला खिलाने से दूध उत्पादन कम होता है.
  • दुधारू पशुओं को बरसीम, चरी, ज्वार खिलाएं.
  • पशु आहार खुद तैयार करें, बाजार का न दें.

लखीमपुर: यूपी के लखीमपुर जिले किसान सर्दियों के मौसम में दुधारू पशुओं को हरे चारे के रूप में गन्ने की पत्ती खिलाते हैं, जिससे दूग्ध उत्पादन में कमी आ जाती है. लोग बेहद परेशान हो जाते हैं. दुधारू पशुओं का ख्याल रखते समय बहुत-सी बातों का ख्याल रखने की जरूरत होती है. ऐसा न करने पर पशु की दूध देने की क्षमता प्रभावित हो जाती है. खासतौर पर गन्ने का अगौला किसानों को बिल्कुल नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से दुधारू पशु बहुत कम दूध लेने लगते हैं. इससे किसानों को फायदे की जगह नुकसान होना शुरू हो जाता है.

एनिमल एक्सपर्ट ने चारे को लेकर बताया

वहीं, एनिमल एक्सपर्ट डॉक्टर नागेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने 18 की टीम को बताया कि तराई इलाके में जानवरों को चारें में गन्ने का अगौला खिलाने के खूब प्रचलन है. पर ये प्रैक्टिस गलत है. अगौला में शुक्रोज अधिक होता है, जो पशुओं के शरीर में पहुंच कर नुकसान पहुंचाता है. जो कि दुधारू पशुओं के दूध बनाने की प्रक्रिया को कम कर देता है. डॉक्टर ने कहा कि डेयरी व्यवसाय को शुरू करने के पहले प्रशिक्षित होकर डेयरी और जानवर के रखरखाव की बेहतर जानकारी ही आपको सफल उद्यमी बना सकती है.

डॉक्टर ने कहा कि दुधारू पशु को भोजन उसकी बॉडी और वेट के तीन प्रतिशत से ज्यादा नहीं दिया जाना चाहिए. इसमें एक तिहाई भूसा यानी सूखा चारा, दो तिहाई हरे चारे की मात्रा होनी चाहिए. साथ में अगर अच्छा दूध चाहिए तो किसानों को खुद अपना पशु आहार तैयार करना चाहिए.़

किसानों को हो सकता है काफी नुकसान

उन्होंने कहा कि किसान दुधारू पशुओं को गन्ने का अगौला न खिलाएं. इससे दुधारू पशु में दूध की कमी हो जाती है. हरे चारे के रूप में जानवर को बरसीम, चरी, ज्वार, बाजरा, मक्का, हाइब्रिड नैपियर इत्यादि दें और बाजार का पशु आहार न देकर खुद का बनाया पशु आहार जरूर दें. गन्ने के अगौला खिलाने से दूध में कमी आती है. इसलिए किसानों को काफी नुकसान भी होता है.

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अपने जानवरों को न खिलाएं यह हरा चारा, दूध देने वाले पशुओं के लिए है खतरनाक



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