सिंधु घाटी लिपि का रहस्य सुलझाने पर मिलेगा 8.7 करोड़ का इनाम! इस राज्य ने किया ऐलान


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Tamil Nadu: सिंधु घाटी लिपि का रहस्य आज भी अनसुलझा है, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने इसे समझने में मदद करने वाले को 1 मिलियन डॉलर (Rs. 8.7 करोड़) का इनाम देने की घोषणा की है.

तमिलनाडु: सिंधु घाटी लिपि का रहस्य सुलझाने पर मिलेगा 8.7 करोड़ का इनाम!

सिंधु घाटी लिपि

तमिलनाडु: सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि आज भी एक बड़ा रहस्य बनी हुई है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस लिपि को आज से 5000 साल पहले लिखा गया था, लेकिन आज तक कोई भी यह नहीं समझ पाया कि इसका मतलब क्या है. यह लिपि ऐसे चिन्हों से बनी हुई है, जिनका इस्तेमाल सिंधु घाटी के लोग अपने व्यापार और धार्मिक कामों में करते थे. लेकिन इन चिन्हों को समझने के लिए आज भी दुनिया भर के वैज्ञानिक और पुरातत्वविद काम कर रहे हैं. अब तो तमिलनाडु सरकार ने एक खास घोषणा भी की है—जो इस लिपि को समझेगा, उसे 1 मिलियन डॉलर का इनाम मिलेगा!

सिंधु घाटी सभ्यता और लिपि का इतिहास
सिंधु घाटी सभ्यता, जो लगभग 3000 से 1500 ईसा पूर्व के बीच भारत के पश्चिमी भाग में फैली हुई थी, दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक मानी जाती है. इसे पहली बार 1924 में ब्रिटिश पुरातत्वविद सर जॉन हर्बर्ट मार्शल ने दुनिया के सामने लाया. हालांकि, पहले यह माना जाता था कि इस सभ्यता की लिपि संस्कृत से जुड़ी हुई होगी, लेकिन जॉन हर्बर्ट मार्शल के शोध ने यह साबित कर दिया कि यह सभ्यता आर्यों से पहले की थी और उस समय द्रविड़ भाषा का प्रचलन था.

क्या है सिंधु घाटी लिपि का कनेक्शन द्रविड़ भाषाओं से?
सिंधु घाटी सभ्यता के समय की लिपि और आज की द्रविड़ भाषाओं के बीच एक बड़ा कनेक्शन पाया गया है. जब वैज्ञानिकों ने सिंधु घाटी की मुहरों पर लिखे गए चिन्हों का अध्ययन किया, तो उन्हें तमिलनाडु में मिले पुराने चिन्हों से 60 प्रतिशत तक समानता दिखाई दी. इसका मतलब है कि दोनों में कुछ समानता हो सकती है, लेकिन फिर भी पूरी तरह से यह साबित नहीं हो सका कि यह लिपि किस भाषा से जुड़ी हुई थी.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
इतिहास और पुरातत्व के विशेषज्ञ मानते हैं कि सिंधु घाटी लिपि और द्रविड़ लिपि के बीच कुछ संबंध हो सकता है. विलुप्पुरम जिले के कीलवलाई क्षेत्र में मिले शिलालेखों ने इस सिद्धांत को और मजबूत किया है. इन शिलालेखों में सिंधु घाटी लिपि और द्रविड़ लिपि की समानता साफ नजर आती है. हालांकि, अभी भी यह साफ नहीं हो पाया है कि यह लिपि दाएं से बाएं लिखी जाती थी या बाएं से दाएं.

सिंधु घाटी लिपि का रहस्य सुलझाने के लिए पुरातत्वविदों का संघर्ष
इस रहस्य को सुलझाने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक, भाषाविद, और पुरातत्वविद लगातार काम कर रहे हैं. इनमें से कुछ वैज्ञानिक कंप्यूटर तकनीकों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग पुराने शिलालेखों और मुहरों का अध्ययन कर रहे हैं. अब तक इसके बारे में कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया है, लेकिन हर दिन नए-नए शोध हो रहे हैं. यही कारण है कि तमिलनाडु सरकार ने इस काम में मदद करने के लिए 1 मिलियन डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है.

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