सिग्नल से छेड़खानी कर ‘लूप लाइन’ ट्रैक पर भेजी गई कोरोमंडल एक्सप्रेस? CBI जांच इस तथ्य पर फोकस
बालासोर/नई दिल्ली. ओडिशा के बालासोर में 2 जून, 2023 को हुई भीषण रेल दुर्घटना की जांच सीबीआई कर रही है. एजेंसी ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम में संदिग्ध मानवजनित छेड़छाड़ पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है, जो ट्रेन की आवाजाही के लिए जिम्मेदार होता है. जांचकर्ताओं को शक है कि ऑटोमेटिक सिग्नलिंग के साथ छेड़खानी करके मेन लाइन पर तेज गति से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन को लूप लाइन ट्रैक पर भेज दिया गया था, जिस पर लौह अयस्क लदी एक मालगाड़ी पहले से खड़ी थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने भारतीय रेलवे के तीन सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है.
तीन में से दो सूत्रों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) के जांचकर्ताओं को संदेह है कि पास के रेल-रोड इंटरसेक्शन पर ट्रैफिक को रोकने के लिए इस्तेमाल किए गए खराब बैरियर से उत्पन्न सिग्नलिंग बाधाओं से बचने के लिए रेलवे कर्मचारियों द्वारा ट्रेन को बाईपास किया गया था.
सूत्र भी संकेत देते हैं कि घटना की प्रारंभिक जांच के बाद न केवल ‘सिग्नल प्रणाली’ में हस्तक्षेप, बल्कि एक संभावित मानवीय लापरवाही का भी पता चला है. उन्होंने संकेत दिया कि जहां सिग्नल प्रणाली स्थापित है, उस रिले कक्ष का दरवाजा खुला रखा गया था. बहरहाल, अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है. रेल मंत्री ने हादसे के बाद दावा किया कि ‘इंटरलॉक प्रणाली’ में बदलाव किया गया था जो एक ‘आपराधिक कृत्य’ है, लेकिन रेल अधिकारियों का कहना है कि यह प्रणाली ‘छेड़छाड़ और असफल होने के मामले में 99 प्रतिशत तक अभेद्य’ है.
ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस दो जून को ‘लूप लाइन’ पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. उसी समय वहां से गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर पटरी से उतर गए. दोनों यात्री ट्रेन में करीब 2500 यात्री सवार थे. दुर्घटना में 21 डिब्बे पटरी से उतर गए और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे सैकड़ों यात्री फंस गए. इस हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1000 से अधिक लोग घायल हुए.
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Tags: Indian Railways, Ministry of Railways, Odisha, Odisha Train Accident
FIRST PUBLISHED : June 11, 2023, 09:02 IST