सिर्फ पूजा-पाठ नहीं…महिलाओं को आत्मनिर्भर भी बना रहा है यह शक्तिपीठ, जानिए कैसे
महाराजगंज: आपने आजतक कई शक्तिपीठ की कहानी सुनी होगी. हर शक्तिपीठ की अलग मान्यता होती है और अलग इतिहास. यूपी के महाराजगंज जिले में भी बहुत से मंदिर और धार्मिक स्थल मौजूद हैं. इन्हीं में से एक शक्तिपीठ ऐसा है, जहां लोग पूजा-पाठ के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनने के लिए भी पहुंचते हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे की दिलचस्प वजह.
महाराजगंज का गायत्री शक्तिपीठ
हम बात कर रहे हैं महाराजगंज के गायत्री शक्तिपीठ की. जो की जिले के अमुर्तियांमें है. अखिल विश्व गायत्री परिवार शक्ति कुंज, हरिद्वार, उत्तराखंड से भी इस मंदिर का संबंध है. सामान्य भाषा में कहें तो इसके निर्देशानुसार ही अमुर्तियां गायत्री शक्तिपीठ का संचालन होता है.
महिलाओं को कैसे बनाया जाता है आत्मनिर्भर?
गायत्री शक्तिपीठ अमुर्तियां, महाराजगंज के व्यवस्थापक और ट्रस्ट जयकरन प्रसाद ने बताया कि धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ यह शक्तिपीठ सामाजिक कार्यों में भी अपनी सहभागिता दर्ज कराता है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला स्वावलंबन के माध्यम से प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाता है. पर्यावरण के संरक्षण के लिए इस शक्तिपीठ के माध्यम से वृक्षारोपण भी कराया जाता है.
भारतीय ज्ञान परीक्षा का आयोजन
गायत्री शक्तिपीठ अमुर्तियां बच्चों के शैक्षिक विकास में भी अपना योगदान देता है. प्रत्येक वर्ष प्राइमरी से लेकर हायर क्लास तक भारतीय ज्ञान परीक्षा का आयोजन भी कराता है. इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत कर उन्हें शिक्षा के लिए प्रोत्साहित भी करता है. गायत्री शक्तिपीठ जिले में धार्मिक कार्यों के साथ-साथ अच्छे विचारों का भी संदेश देता है. समय-समय पर इस शक्तिपीठ के माध्यम से जरूरतमंद लोगों की सहायता भी किया जाता है.
FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 10:24 IST