सिर पर टोपी, माथे पर तिलक…सैंकड़ों मुसलमानों ने विश्वनाथ मंदिर में किए दर्शन, बोले- राम, कृष्ण और शिव हमारे नबी
हाइलाइट्स
साल 2018 में बच्चे का अपरहण घर के पास से हुआ था, उसका लगातार शारीरिक शोषण हुआ.
जज ने अपने आदेश में कहा कि जरूरी नहीं जरूरी नहीं कि हर बार मर्द ही गलत हो.
नई दिल्ली. ज्ञानवापी विवाद के बीच मुस्लिम महिला और पुरुषों ने गुरुवार को काशी में बड़ा संदेश दिया है. सौ से ज्यादा संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विश्वनाथ मंदिर पहुंच कर जहां जलाभिषेक किया तो वहीं ज्ञानवापी तलगृह का भी झांकी दर्शन किया. इस दौरान मुस्लिम नेताओ का मंदिर परिसर के चौक पर स्वागत भी किया गया.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का जत्था लगभग शाम 5:00 बजे विश्वनाथ मंदिर गेट नंबर 4 के पास पहुंचा और वहां से अंदर प्रवेश करते हुए सबसे पहले विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक किया. जिसके बाद सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ज्ञानवापी तहखाना के पास जाकर वहां से झांकी दर्शन किया. इस अवसर पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के महामंत्री राजा रईस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, हम बाबा यानी अपने पूर्वज के दर्शन करने आए थे, जो मुस्लिम नबी आए वह करीब 24 से 26 नवी है, लेकिन कुरान शरीफ में स्वयं कहा गया है 124 हजार नवी इस दुनिया में आये हैं. उसमें से एक राम भी हैं. उसमें से शिव भी हैं उसमें कृष्णा भी हैं.’
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उन्होंने आगे कहा, ‘इस तरीके से जो हमारे नबी हैं उनके हम लोग पूर्वज के रूप में मानकर उनका दर्शन करने आए थे क्योंकि जो हमारे पूर्वज थे वह जो वर्तमान के बहुसंख्यक समाज के लोग हैं वह हमारे भाई हैं. हमारे बाबा दादा एक थे आज भी दाना एक है और कहीं ना कहीं से कट्टरपंथी मौलाना और अन्य लोग बात करते हैं, वह गलत बयान देते हैं, वह एक अरब और 15 करोड़ लोगों को चुनौती देते हैं. इसलिए भारतीय सनातनी मुसलमान अपने बाबा अपने पूर्वज के दर्शन करने के लिए जाते हैं.
बताते चलेगी राष्ट्रीय मुस्लिम मंच लगातार ज्ञानवापी में मंदिर होने की बात कहता चल आ रहा है जिसे लेकर राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के लोगों ने कई बार मुस्लिम मौलानाओ से ज्ञानवापी को हिंदुओ को सौंपने की बात भी कर चुका है.
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FIRST PUBLISHED : March 1, 2024, 01:40 IST