सूरज में विस्फोट… आदित्य L-1 और चंद्रयान के कैमरे में कैद हुआ खौफनाक सीन! जानिए सूर्य में क्यों होते हैं ये ब्लास्ट?



<p class="p1" style="text-align: justify;">इसरो के आदित्य<span class="s1"> L-1 </span>और चंद्रयान<span class="s1">-2 </span>ने सूरज की खौफनाक तस्वीरें ली हैं<span class="s1">. </span>जिसमें जो खुलासा हुआ है वो बेहद डरा देने वाला है<span class="s1">. </span>इसरो के वैज्ञानिकों की मानें तो सूरज में बड़ा विस्फोट हुआ है<span class="s1">. </span>जिनमें एम क्लास और एक्स क्लास लहरें निकलीं<span class="s1">, </span>जिनने एक बड़े सौर तूफान का रूप लेकर धरती को प्रभावित किया<span class="s1">. </span>सूरज में हुआ ये विस्फोट<span class="s1"> 2003 </span>में आए भू चुबकीय तूफान के बाद सबसे ज्यादा भयानक था<span class="s1">. </span>इसरो की मानें तो इस तुफान की वजह से धरती का संचार और जीपीएस सिस्टम काफी प्रभावित हुआ है<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong><span class="s1">21 </span>साल बाद आया ऐसा तूफान</strong></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">लगभग<span class="s1"> 21 </span>साल बाद आए इस तूफान वैज्ञानिकों को भी खासा अचंभे में डाल दिया है<span class="s1">. </span>इसरो के अलावा<span class="s1"> NOAA </span>स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने भी इसकी पुष्टि की है<span class="s1">. </span>जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि सूरज पर अभी और विस्फोट होने की संभावना है<span class="s1">. </span>ऐसे में परेशान करने वाली बात ये है कि ये क्रिया होती रहती है तो वो धरती की संचार प्रणाली और जीपीएस सिस्टम के लिए बड़ा खतरा हो सकती है<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>सूरज में क्यों होता है ब्लास्ट<span class="s1">?</span></strong></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">सौर तूफान का मतलब सूरज की सतह पर होनने वाले विस्फोटों से होता है<span class="s1">. </span>ये कई लाख किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से वायुमंडल में फैलते हैं<span class="s1">. </span>इस तरह के सौर तूफान अंतरिक्ष के कणों को अवशोषित करते हुए आगे बढ़ते हैं<span class="s1">. </span>ऐसे में जब ये धरती से टकराते हैं तो सैटेलाइट नेटवर्क<span class="s1">, </span>टीवी<span class="s1">, </span>रेडियो संचार और जीपीएस सिस्टम को भी प्रभावित करते हैं<span class="s1">. </span>इन्हें दो भागों में बांटा जाता है<span class="s1">. </span>एक एक्स और दूसरा एम<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1">अंतरिक्ष में सूर्य में हुई हलचलकी जो घटना कैद हुई है उसमें तूफान<span class="s1">, </span>बहुत तेज तापमान और पवन प्लाज्मा के तेज प्रवाह साफ दिखाई दे रहा है<span class="s1">. </span>इस पेलोड में स्पेक्ट्रोमीटर है जो सौर हवा के निशान कैप्चर करता है<span class="s1">. </span>इसके अलावा आदित्य<span class="s1"> L1 </span>के एक्सरे पेलोड<span class="s1"> Solexs </span>ने भी कई एक्स और एम क्लास फ्लेयर्स को देखा है जो कि<span class="s1"> L1 </span>बिंदु से गुजरे थे<span class="s1">.</span></p>
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