सूरज हत्याकांड पर CBI कोर्ट की जजमेंट में खुलासा, एक्स्ट्रा रोटी नहीं दी, थाने में गूंजती चीखें और पुलिस के टॉर्चर की गवाही देते 30 जख्म
[ad_1]
Agency:News18 Himachal Pradesh
Last Updated:
Shimla Gudia Case: शिमला के गुड़िया मर्डर केस में सीबीआई कोर्ट ने आईजी जैदी, डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. सूरज की हत्या के मामले में पुलिस की बर्बरता उजागर हुई.

गौरतलब है कि यह सारी बातें न्यूज18 के पास मौजूद जजमेंट की कॉपी से ही ली गई है.
शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला के कोटखाई में गुड़िया मर्डर केस में थाने में आरोपी सूरज की हत्या मामले में सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया और अब कोर्ट की जजमैंट की कॉपी में फैसले को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. सूरज कस्टोडियल डेथ केस में आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज, एसएचओ सहित 8 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने 343 पेज के फैसले में पुलिस की बर्बरता की कहानी बयान की है. गौरतलब है कि यह सारी बातें न्यूज18 के पास मौजूद जजमेंट की कॉपी से ही ली गई है.
गुड़िया केस में सूरज की लॉकअप में मौत के मामले में एसआईटी टीम ने सूरज सहित कुल सात आरोपियों को फंसाने की कोशिश की. इसके लिए आरोपियों को थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया. सूरज, सुभाष और राजू सहित कई गवाहों ने इस मामले में अपने बयान दर्ज किए हैं, जिनका जिक्र सीबीआई की जजमेंट में है.
संतरी दिनेश के बयान अहम साबित हुए हैं. साथ ही राजिंदर उर्फ राजू और सुभाष ने भी इस मामले के दौरान पुलिस के टॉर्चर की सारी बातें कोर्ट से साझा कीं. कोटखाई थाने के कांस्टेबल अजय कुमार ने कोर्ट को दिए बयान में बताया कि वह 18 जुलाई 2017 को सुबह 8 बजे के करीब कोटखाई पुलिस स्टेशन से गुम्मा चौकी गए थे और वहां जनता के रोष प्रदर्शन को नियंत्रित करने में व्यस्त रहे. शाम 5:30 बजे के करीब कोटखाई पुलिस स्टेशन वापस लौटे. इसके बाद, वे कांस्टेबल सुभाष के साथ जुब्बल पुलिस स्टेशन गए, ताकि गिरफ्तार व्यक्तियों राजू, सुभाष और सूरज सिंह को लाया जा सके. उन्होंने उन्हें जुब्बल पुलिस स्टेशन में हेड कांस्टेबल तुलसी राम से रात 9:30 बजे के करीब कोटखाई पुलिस स्टेशन लाकर लॉकअप में बंद कर दिया.
अजय ने बताया कि इसके बाद, उन्होंने मेस में रात का खाना खाया और रात 11 बजे के करीब ऊपरी मंजिल पर अपने कमरे में सोने चले गए. रात 12 बजे उन्हें एसएचओ ने बुलाया और देखा तो बेहोश सूरज सीढ़ियों के पास लॉकअप के बाहर पड़ा था. इस दौरान एसएचओ और दो अन्य पुलिसकर्मी उसके पास थे. इसके बाद, उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
अजय ने बताया कि वह सो रहा था
उन्होंने आगे बताया कि वे पूरी रात अस्पताल में ड्यूटी पर रहे, फिर उन्हें कोटखाई पुलिस स्टेशन बुलाया गया और सुभाष को जुब्बल पुलिस स्टेशन ले जाने का निर्देश दिया गया. उन्हें स्टाफ से यह भी पता चला कि कोटखाई पुलिस स्टेशन की ऊपरी मंजिल के कमरे में आरोपी से पूछताछ की जा रही थी. उन्होंने गवाही दी कि जब वे अपने कमरे में सो रहे थे, तब उन्होंने कोई चीखें नहीं सुनीं. कोटखाई पुलिस स्टेशन की पहली मंजिल पर मेस के साथ छह अन्य कमरे भी हैं. जब वे 18 जुलाई 2017 को गुम्मा में थे, तो डीएसपी मनोज सिंह सुबह वहां आए थे और शाम 5 बजे तक वहां रहे. उन्होंने डीएसपी को कोटखाई पुलिस स्टेशन के मेस में खाना खाते समय नहीं देखा. वे 18 जुलाई 2017 को रात 9:45/10:00 बजे के करीब अपने कमरे में गए थे.
डॉक्टरों ने क्या बताया था
कोर्ट में सूरज के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के बयान भी दर्ज हैं. एक डॉक्टर ने बताया कि सूरज के शरीर पर 20 के करीब निशान थे. रीएग्जामिन में 10 और निशान मिले थे. चोटों की वजह से ही सूरज की मौत हुई थी. स्थानीय अस्पताल में जब सूरज को लाया गया था, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. यानी थाने में ही सूरज के प्राण निकल गए थे. उधर, आईजी जहूर जैदी जब इस हत्याकांड के बाद कोटखाई गए तो संतरी दिनेश ने उन्हें साफ-साफ बताया था कि डीएसपी मनोज ही सूरज को पूछताछ के लिए थाने की ऊपरी मंजिल पर ले गए थे और रात पौने 12 बजे सूरज बेहोश हो गया था. जैदी ने ही ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल विपन को फटकारते हुए कहा था कि वह केस दर्ज करवाए और एफआईआर में लिखे कि राजू ने सूरज की हत्या की है. मारपीट के दौरान सूरज चिल्लाता रहा और कहता रहा कि उसने यह जुर्म नहीं किया है और उसके बीवी-बच्चे हैं. ऐसे में उसे छोड़ दिया जाए.
आरोपी राजू ने कोर्ट में क्या कहा
राजू ने कोर्ट को दिए बयान में कहा कि 18 जुलाई 2017 सुबह के समय, उन्हें (सिवाय लोकजन के) पुलिस स्टेशन जुब्बल ले जाया गया और पूरे दिन वहीं रखा गया. फिर उन्हें पुलिस स्टेशन कोटखाई लाया गया, जहां उन्हें खाना दिया गया. खाना खाते समय, सूरज ने अधिक भूख के कारण एक और रोटी मांगी, लेकिन उसे नहीं दी गई. उसे बताया गया कि यह आखिरी दिन है और कल उन्हें फिर से पेश किया जाएगा और खाने के लिए पुलिस स्टेशन नहीं लाया जाएगा. कोटखाई थाने की पहली मंजिल पर, सूरज सिंह को लगभग चालीस से पैंतालीस मिनट तक पीटा गया. वे उसकी चीखें सुन सकते थे. वह कह रहा था कि उसने कोई अपराध नहीं किया है और उसके दो बच्चे हैं, उसे घर जाने दिया जाए. हालांकि, सूरज की आवाज बाद में खामोश हो गई, लेकिन उसकी पिटाई नहीं रुकी. सुभाष ने अपने बयान में डीएसपी मनोज को सिंघम नाम दिया और कहा कि उसे भी डीएसपी ने पीटा था और इसी दौरान सूरज को भी ऊपर बुलाया गया था.
मेरे सारे कपड़े उतारे और नंगा फर्श पर लिटाया-राजू
बाद में सुभाष को पुलिसकर्मी अपने साथ ऊपर ले गए और उसे भी आधे घंटे से ज्यादा समय तक बुरी तरह पीटा गया. जब आरोपी सुभाष को ग्राउंड फ्लोर के लॉकअप में वापस लाया गया, तो वह दो-तीन बार बेहोश हो गया. उसने, उसे अपने हाथों से पानी पिलाया, ताकि वह होश में आ सके. सुभाष ने राजू को कहा कि उन्हें वही मान लेना चाहिए जो पुलिस कह रही है, क्योंकि यही एकमात्र तरीका है जिससे वे यातना से बच सकते हैं. गौरतलब है कि राजू पर ही सूरज की हत्या के आरोप मढ़ने के लिए पुलिस टीम ने कोशिश की और षड़यंत्र रचा. राजू ने बयान में लिखा कि उसके सभी कपड़े उतार दिए गए और उसे नंगा फर्श पर लिटा दिया गया. उसे लगभग पांच-दस मिनट तक फिर से यातना दी गई. इस बीच कोई बाहर से आया और उसकी यातना रोक दी गई और उसे बैठा दिया गया. इस दौरान 18 जुलाई की रात को सुभाष ने राजू को बताया पुलिस अधिकारियों ने उसे लॉकअप के अंदर चलते रहने के लिए कहा था, वर्ना उसका रक्त संचार रुक जाएगा और वह मर सकता है
रेस्ट हाउस में भी आरोपियों को पीटा था.
पुलिस की एसआईटी टीम ने इस केस के सभी आरोपियों को थाने के अलावा, रेस्ट हाउस में पूछताछ की थी. इन आरोपियों को थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया. आरोपियों को उल्टा लटकाया गया था और उनके मुंह से खून भी निकल रहा था. इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी आशू ने भी बयान में कहा कि रेस्ट हाउस में पूछताछ के दौरान उसे नीट शराब पिलाई गई और साथ ही भांग के कश भी लगावाए गए. उसने बताया कि पुलिस ने उसे मेडिकल एग्जामिनेशन के दौरान अपनी चोटों के कारणों के बारे में बताने से इंकार किया था और कहा था कि ऐसा किया तो फिर उसे अंजाम भुगतना होगा.
Shimla,Shimla,Himachal Pradesh
January 29, 2025, 14:36 IST
[ad_2]
Source link