‘हर हुक्म सिर माथे अनुराग सर’ – ‘Har Hukam Sher Mathe Anurag Sir’
उस वक्त आपके दिमाग में क्या चल रहा था जब पता चला कि आप अनुराग कश्यप की फिल्म का हिस्सा बन सकती हैं?
अनुराग सर ने केनेडी के लिए जब मुझे बुलाया तो बोले कि वे चाहते हैं, मैं फिल्म का हिस्सा बनूं पर दरअसल वे चाहते थे कि मैं रोल के लिए ऑडिशन दूं. मैं बेहद नर्वस थी पर मैंने उनको बताया कि ऑडिशनिंग में मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं…फोन रखने के बाद तो मैं जैसे एक सदमे में थी और उतनी ही हैरान क्योंकि मुझे पता है कि वे किस तरह के फिल्ममेकर हैं.
केनेडी की शूटिंग के दौरान आपने बतौर ऐक्टर अपनी प्रोसेस में क्या जोड़ा-घटाया?
केनेडी की पूरी मेकिंग के दौरान मैंने अनुराग सर से सीखा कि कैसे फटाफट चीजों को भुलाऊं और सीन करने के दौरान भरसक अटेंटिव रहूं. मैंने एक अच्छी श्रोता बनने की और वे मुझसे क्या चाहते हैं, उस बारे में उनकी राय लेते रहने की हरचंद कोशिश की. इस अनुभव में तो मेरा खून-पसीना और आंसू सब निकल आए. अब तो मैं बस फिल्म के कान में शो का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं.
बतौर ऐक्टर निकट भविष्य में आपको किस जॉनर की फिल्मों के ऑफर की उम्मीद है?
मुझे ड्रामा और साइकोलॉजिकल थ्रिलर पसंद हैं. पीरियड ड्रामे भी खूब भाते हैं. अगर इनमें से किसी तरह की पेशकश आई तो मेरे लिए खासा दिलचस्प होगा.
आप ब्यूटी आंत्रेप्रेन्योर भी बन गई हैं. उस पेशे में उतरने पर कैसी चुनौतियां मिलीं?
सबसे बड़ी चुनौती तो यही है कि आप अपने हर प्रोडक्ट की क्वालिटी लगातार उस स्तर पर कायम रख सकें जो आपने अपने लिए तय की हुई है. यह सब अच्छे किस्म के मैन्युफैक्चरर्स के साथ जुड़े बगैर नामुमकिन है. ऐसे लोग लगातार बेहतर क्वालिटी के प्रोडक्ट तैयार करते रहने में आपके लिए खासे मददगार हो सकते हैं.
—पौलोमी दास.