हाजमा टनाटन कर देता है कानपुर का ये खास ‘चूरन’, स्‍वाद ऐसा कि न म‍िले तो बाराती रूस जाएं, ये है रेसिपी


Buknu Recipe: हमारे बचपन की यादों में सबसे ज्‍यादा खास जगह ‘खाने’ की होती है और अगर आप उत्तर प्रदेश से हैं तो ‘बुकनू’ आपकी यादों का एक ह‍िस्‍सा जरूर होगा. पूरे उत्तर भारत में स्‍वाद का जादू चलाने वाले इस बुकनू की शुरुआत कानपुर की गल‍ियों से हुई है. बुकनू आज दुनिया के कई ह‍िस्‍सों के लोगों का हाजमा ठीक करने वाली औषधि बना हुआ है. दाल-सब्‍जी और रोटी पर लगाकर खाना हो या फिर चौराहे की चाट का स्‍वाद बढ़ाना हो, बुकनू हर मर्ज की एक ही दवा है. सिर्फ स्‍वाद ही नहीं, ये चूरन आपके पेट का भी सबसे बढ़ि‍या दोस्‍त है. आइए आपको बताते हैं बुकनू के फायदे और कानपुर के इस स्‍पेशल चूरन की रेस‍िपी,

ऐसा कहा जाता है कि बुकनू की शुरुवात कानपुर के नयागंज बाजार से हुई थी. यहीं से न‍िकलकर ये बुकनू आज कई ग्रह उद्योग और मसाला ब्रांड्स में नजर आने लगा है. कानपुर का ये बुकनू अब स‍िर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्‍कि राजस्‍थान, महाराष्‍ट्र के साथ-साथ जर्मनी, फ्रांस और अमेर‍िका तक में म‍िल रहा है. स्‍वाद और हाजमा देने वाले इस बुकनू मसाले को आज 10,000 से ज्‍यादा ब्रांड बना रहे हैं. जब भी आपको लगे कि कुछ ज्‍यादा ही खा ल‍िया है, तब आप इस बुकनू को खाकर इसे पचा सकते हैं. इसे बनाने में कुछ ऐसी देसी औषध‍ियां इस्‍तेमाल होती हैं, जो आपकी सेहत के लि‍ए बहुत फायदेमंद होती है. चल‍िए बताते हैं इसकी रेस‍िपी.

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बुकुनू में कई ऐसे मसाले डाले जाते हैं जो स्‍वाद के साथ सेहत के ल‍िए बहुत फायदेमंद होते हैं.

सामग्री
सादा नमक- 250 ग्राम
काला नमक – 125 ग्राम
सेंधा नमक – 50 ग्राम
हल्‍दी – 75 ग्राम
बड़ी हरड़, छोटी हरड़ – दोनों 50 ग्राम
बहेड़ा – 50 ग्राम
सूखे आंवले – 50 ग्राम
जीरा – 25 ग्राम
अजवाइन – 25 ग्राम
सौंफ – 25 ग्राम
बड़ी इलायची- 25 ग्राम
काली म‍िर्च – 25 ग्राम
सौंठ – 25 ग्राम
पीपर – 20 ग्राम
बाइबरंग – 20 ग्राम
मरोड़ फली – 20 ग्राम
छोटी इलायची – 10 ग्राम
नौसादर (खाने वाला) – 10 ग्राम
हींग – 5 ग्राम

व‍िध‍ि

  1. जो सामग्री हमने ऊपर बताई है, इसमें से कुछ चीजें सरसों के तेल में तली जाती हैं जबकि कुछ चीजें सूखी ही भूनी जाती हैं. पहले कुछ सामग्री को सरसों के तेल में फ्राई कर लें.
  2. एक कढ़ाई में 100 ग्राम सरसों का तेल लें. इसे हल्‍का गर्म कर लें. अब इसमें बड़ी हरड़ को धीमी आंच पर भून लें. सभी मसालों को हल्‍की आंच पर ही भूनें.
  3. अब तेल में एक-एक कर के सौंठ, हल्‍दी, छोटी हरड़ और बहेड़ा को भून लें. सौंठ और हल्‍दी को लगभग 2 म‍िनट और बाकी चीजों को लगभग 1 म‍िनट तक तेल में फ्राई कर लें.
  4. अब कुछ सामग्री हमें ड्राई रोस्‍ट करनी है. इसके ल‍िए एक पेन ले लें. अब सबसे पहले आंवला 2 से 3 म‍िनट तक भून लें.
  5. अब इसी पेन में मरोड़ फली को भी 2-3 म‍िनट, फिर बाइबरंग को भूनें. इसके बाद बड़ी इलायची और पीपर को एक साथ रोस्‍ट कर लें. अब जीरा, अजवाइन और सौंफ को एक साथ डालकर भूनें. 1 म‍िनट इन्‍हें भूनने के बाद इसमें हींग डाल लें.
  6. नमक, नौसादर, छोटी इलायची और काली म‍िर्च को भूनने की जरूरत नहीं है.
  7. हल्‍दी, बड़ी हरड़, सौंफ और बहेड़े इन्‍हें पहले इमामदस्‍ते में कूट लें और फिर म‍िक्‍सी में पीस लें. पीसते समय थोड़ा नमक भी डालें.
  8. अब इसी जार में ड्राई रोस्‍ट क‍िए गए मसाले डालें और उसे भी म‍िक्‍सी में पीस लें. इसमें भी थोड़ा नमक जरूर डालें.
  9. अब बचे हुए भी सारे मसाले जार में डालकर पीस लें. याद रखें आपको ये मसाला दरदरा ही पीसना है.
  10. इस सारी सामग्री को एक साथ म‍िलाएं. बचा हुआ सेंधा नकम ऊपर से डालें.
  11. अब इन सारे मसालों को अच्‍छे से म‍िक्‍स कर लें और फ‍िर एक दूसरे बर्तन में छान लें. छानने के दौरान जो मोटा मसाला छलनी में बचे उसे एक बार फिर पीस लें और इस मसाले में म‍िला लें. लीजि‍ए तैयार है आपका बुकनू.

बुकुनू एक ऐसा सेहतमंद चूरन है तो आपको पेट दर्द, कब्‍ज, गैस या अपच जैसी समस्‍या में आराम दे सकता है. ऊपर बताई गई सामग्री में अगर कुछ सामग्री कम भी है, तब भी आप बची हुई सामग्री से बुकुनू बना सकते हैं.

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