हिमाचल प्रदेश: HRTC की पहली महिला चालक सीमा ठाकुर के साथ क्या हुआ, क्यों वह 6 माह से ड्यूटी पर नहीं आ रही?



Hrtc Women Driver Seema Thakur 2024 12 a2f0869a0bda9b4158b3835f01b3d674 हिमाचल प्रदेश: HRTC की पहली महिला चालक सीमा ठाकुर के साथ क्या हुआ, क्यों वह 6 माह से ड्यूटी पर नहीं आ रही?

शिमला. हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी की लगेज पॉलिसी (Hrtc Luggage Policy) के बाद अब पहली महिला चालक सीमा ठाकुर (Hrtc Women Driver Seema Thakur) सुर्खियों में है. वह बीते छह महीने से ड्यटी पर नहीं आ रही हैं. सोशल मीडिया पर सूबे के वकील विनय शर्मा ने इस पर सवाल उठाए तो अब एचआरटीसी प्रबंधन की तरफ से भी इस पर जवाब आया है. एचआरटीसी प्रबंधन ने बताया कि वह बीते छह महीने से वे ड्यूटी पर नहीं आ रह हैं. उधर, न्यूज18 ने सीमा ठाकुर से फोन पर संपर्क करना चाहा, लेकिन उनका नंबर बंद आया.

हिमाचल पथ परिवहन निगम शिमला के कार्यकारी निदेशक डॉ. मुरारी लाल ने बताया कि सीमा ठाकुर ने 05 मई, 2016 को शिमला लोकल यूनिट में बतौर चालक अपनी सेवाएं शुरू की थी.  इस बीच वोल्वो बस चलाने के लिए ट्रैनिंग को लेकर 17 से 21 अक्टूबर, 2022 तक बैंगलुरु भेजा गया था. बाद में जब ट्रेनिंग से वह लौटी तो उन्हें इच्छानुसार वोल्वो बस में चालक के रूप में तैनात किया गया. हालांकि, वोल्वो बस संचालन के दौरान उनकी ओर से दो गंभीर दुर्घटनाएं तथा दो अन्य लापरवाही से संबंधित मामले सामने आए. ये सभी मामले यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े थे और इन्हें किसी भी परिस्थिति में अनदेखा नहीं किया जा सकता.

प्रबंधन ने बताया कि सामान्य हालात में इस प्रकार की लापरवाही के मामलों में चालकों को निलंबित किया जाता है. हालांकि, विभाग ने महिला कर्मचारी होने के मद्देनजर नरम रुख अपनाते हुए उन्हें निलंबित नहीं किया. इसी वजह से 8 जुलाई, 2024 को उन्हें शिमला के लोकल डिपो में ट्रांसफर कर दिया गया और स्थानीय बस सेवाओं में चालक के तौर पर ड्यूटी दी गई.

एक महीने की छुट्टी भी दी थी-प्रबंधन

हालांकि, ट्रांसफर के बाद से सीमा ठाकुर ने ड्यूटी नहीं ज्वाइन की. इस दौरान विभाग ने उन्हें एक माह का अवकाश भी दिया. जो कि 1 अक्टूबर, 2024 को खत्म हो चुका है. बावजूद उन्होंने ना ड्यूटी ज्वाइन की और ना ही विभाग की तरफ से भेजे गए नोटिसों का जवाब दिया. फिलहाल, अब तक विभाग ने नरम रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ सेवा नियमों के अंतर्गत अनुपस्थित रहने पर कोई कार्रवाई नहीं की है. प्रबंधन ने कहा कि पूरे मामले की वास्तविकता जाने बिना, इस प्रकार की पोस्ट या खबरों के माध्यम से किसी संस्था का दुष्प्रचार करना अत्यंत निराशाजनक है. इस प्रकार की पोस्ट या खबरें साझा करने से पहले निगम का पक्ष जानना बेहद आवश्यक है. तथ्यों और जानकारी के अभाव में इस प्रकार की अधूरी और भ्रामक खबरों को प्रकाशित करना पूर्णतः अव्यावसायिक (अनप्रोफेशनल) है। जनता को भ्रमित न होने देने के लिए निगम द्वारा अपना पक्ष स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जा रहा है.

वकील ने क्या लिखा

हिमाचल प्रदेश की वीरभद्र सरकार में डिप्टी एडवोकेट जनरल रहे विनय शर्मा ने फेसबुक पर लिखा कि सीमा ठाकुर को लोकल रूट से हटाकर वॉल्वो बस थमाकर कटरा-शिमला रूट पर भेजा गया. यहां पर GPS से इनका रास्ता थोड़ा भटका, जो किसी का भी भटक सकता है, तो इन्हें घर बिठा दिया. बिना किसी कसूर के. अब यह बेटी पिछले छह महीने से घर बैठी है. बिना कसूर और बिना कोई जाँच के मंत्री लोग अपनी खुद की बेटियों के लिए कितने संजीदा हैं, लेकिन गरीब घर की बेटियों के साथ सौतेला व्यवहार कैसे करते हैं. इसका ताज़ा उदाहरण सीमा हैं.

कौन है सीमा ठाकुर

सीमा ठाकुर मूल रूप से सोलन के अर्की की रहने वाली हैं. उनके पिता भी एचआरटीसी में बस चालक रहे हैं. उन्होंने शिमला से ग्रेजुशन की पढ़ाई की थी और बाद में एचआरटीसी विभाग ज्वाइन किया था. वह प्रदेश की पहली महिला एचआरटीस चालक हैं. वह पहले सीमा में सरकारी टैक्सी चलाते थी, लेकिन बाद में सरकार ने उन्हें वोल्वो बसें चलाने की अनुमति दी थी.

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