हिमाचल में बारिशः चंडीगढ़-मनाली NH पर पुल क्षतिग्रस्त, पंडोह डेम के गेट खोले, धर्मपुर बस स्टैंड से बसें शिफ्ट



mandi highway हिमाचल में बारिशः चंडीगढ़-मनाली NH पर पुल क्षतिग्रस्त, पंडोह डेम के गेट खोले, धर्मपुर बस स्टैंड से बसें शिफ्ट

मंडी. हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की पहली बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंडी शहर से 4 किमी की दूरी पर स्थित विंद्रावणी नाले पर बना पुल भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है. अभी इस पुल से सिर्फ एकतरफा ट्रेफिक ही गुजारा जा रहा है. उधऱ, धर्मपुर में सोन खड्ड के ऊफान पर होने से बस स्टैंड से सभी सरकारी बसों को शिफ्ट किया गया है और सुबह इन बसों को धर्मपुर में पुल के पास पार्क किया गया था.

जानकारी के अनुसार, बीती रात हुई मुसलाधार बारिश के कारण इस नाले में बाढ़ आ गई, जिस कारण पुल की सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. हालांकि, यहां पर फोरलेन निर्माण के लिए एक बड़ा पुल बनाया जा रहा है और उसके कार्य को भी नुकसान पहुंचा है. एएसपी मंडी सागर चंद्र ने बताया कि फोरलेन का काम कर रही केएमसी कंपनी ने दो दिनों में पुल की मुरम्मत की बात कही है, लेकिन यह तभी संभव है अगर मौसम साथ दे. अगर दोबारा से भारी बारिश होती है तो फिर पुल के टूट जाने की पूरी संभावना है. उन्होंने बताया कि अभी एकतरफा ट्रेफिक बहाल किया गया है.

सागर चंद्र ने बताया कि जिला में भारी बारिश के कारण काफी सड़कें बंद हो गई थी, जिन्हें तुरंत प्रभाव से प्राथमिकता के आधार पर खोल दिया गया है. पंडोह डैम के पास हाईवे को एक घंटे अंदर बहाल कर दिया गया, जबकि कटौला के पास एकतरफा यातायात बहाल कर दिया गया है.

बढ़ गया है ब्यास नदी का जलस्तर, पंडोह डैम से छोड़ा जा रहा पानी
पहले गर्मी के कारण बर्फ पिघलने से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ा और अब प्री-मॉनसून की दस्तक से नदी-नाले उफान पर हैं. मंडी जिला से होकर बहने वाली ब्यास नदी का जलस्तर भी काफी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे न जाने की अपील की है. वहीं, पंडोह डैम से अब साढ़े 15 हजार क्यूसिक पानी प्रति सेकेंड की दर से छोड़ा जा रहा है.

बीबीएमबी पंडोह के वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता ई. राजेश हांडा ने बताया कि पंडोह डैम में साढ़े 22 हजार क्यूसिक पानी प्रति सेकेंड की दर से आ रहा है जिसमें से साढ़े 15 हजार क्यूसिक पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है. रूटीन के तहत सुंदरनगर जो पानी भेजा जाता है वो भेजा जा रहा है. पानी छोड़ने के लिए डैम का सिर्फ एक गेट को जरूरत के हिसाब से खोला गया है. एक गेट से ही 70 हजार क्यूसिक पानी प्रति सेकेंड की दर से छोड़ने की क्षमता है, जबकि अभी सिर्फ साढ़े 15 हजार क्यूसिक पानी ही छोड़ा जा रहा है. बरसात के दौरान जलस्तर बढ़ना और अधिक मात्रा में पानी छोड़ने की प्रक्रिया स्वभाविक है. इस संदर्भ में पहले से ही अलर्ट जारी कर रखे हैं और लोगों से अपील की गई है कि वे नदी-नालों के नजदीक न जाएं.

आज लारजी डैम से छोड़ा जाएगा पानी
25 जून सुबह 6 बजे से 26 जून सुबह 6 बजे तक लारजी डैम के सभी गेट खोले जा रहे हैं। यह प्रक्रिया डैम में जमा सिल्ट की निकासी के लिए की जा रही है. राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड थलौट के वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता अजय ठाकुर ने लोगों से आग्रह किया है कि इस दौरान लारजी बांध से लेकर पंडोह बांध तक ब्यास नदी के किनारे कोई भी व्यक्ति न जाए तथा पशुओं को भी नदी के किनारे न छोड़ा जाए ताकि किसी तरह का जान व माल का नुक्सान नहीं हो सके. उन्होंने बताया कि इस दौरान लारजी पॉवर स्टेशन विद्युत् गृह में उत्पादन भी पूरी तरह बंद रहेगा. इस कार्य को सफलता पूर्वक करने हेतु नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा तथा सायरन और प्रचार वाहन के माध्यम से लोगों को सूचित किया जाएगा.

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