हिमाचल में स्वर्ण जयंती आश्रय योजना से बनवा सकते हैं घर, ऐसे करें अप्लाई, 2 सालों में 5.34 करोड़ रुपए की मिली मंजूरी


Agency:News18 Himachal Pradesh

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स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत मंडी जिले में पिछले दो वर्षों में 356 परिवारों को 5.34 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई. इस योजना ने अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों के लिए पक्के मक…और पढ़ें

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लाभार्थी

लाभार्थी की तस्वीर नए घर के साथ 

हाइलाइट्स

  • स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत मंडी में 5.34 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली.
  • अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों को लाभ मिल रहा है.
  • इसने जरूरतमंदों के पक्के मकान बनाने के सपने को साकार किया है.

मंडी: हिमाचल सरकार की स्वर्ण जयंती आश्रय योजना लोगों के जीवन में खुशियों के रंग भर रही है. इस योजना से प्रदेश सहित मंडी जिला में भी गरीब और जरूरतमंद लोगों का घर बनाने का सपना साकार हो रहा है. मंडी जिले के नालसन गांव के रहने वाले मान सिंह पहले परिवार समेत कच्चे कमरे में रहते थे,लेकिन अब इस योजना की मदद से पक्के मकान में रह रहे हैं.

उन्होंने बताया कि बरसात में पानी कमरे में भर जाता है, जिससे बहुत परेशानी होती है. वह मेहनत- मजदूरी करके परिवार का खर्च चलाते हैं. उनके पास थोड़ा- बहुत जमा पैसा था, वह बेटी की शादी में लगा दिया. ऐसे में पक्का मकान नहीं बनवा पा रहे थे. दरअसल, पंचायत में स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के बारे में उन्हें बताया गया. इसके बाद उन्होंने फॉर्म भरा और कल्याण विभाग मंडी में जमा करवा दिया. सरकार की ओर से मकान के लिए डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई. जिससे उन्होंने दो पक्के कमरे बनवाए. अब उनका परिवार सुरक्षित और खुशहाल जिंदगी जी रहा है.

इस योजना से बदल रही है लोंगो की जिंदगी
ऐसे में हिमाचल प्रदेश की स्वर्ण जयंती आश्रय योजना गरीब परिवारों के लिए जीवन बदलने वाली साबित हो रही है. बीर- तुंगल के हरि सिंह अपने चार बेटियों और एक बेटे के साथ कच्चे मकान में रहते थे. हर बरसात में अनहोनी की आशंका में दिन काटते थे. इस योजना के तहत उन्हें 1.5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता मिली.वह अपनी मेहनत की कमाई जोड़कर उन्होंने चार कमरों का पक्का मकान बना लिया. हरि सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार जताते हुए कहा कि यह योजना गरीबों के लिए एक नई उम्मीद है.

बग्गी पंचायत के गांव सुक्का कून निवासी लाभ सिंह बताते हैं कि पहले वह अपने परिवार सहित कच्चे मकान में रहते थे. इस योजना के बारे में उन्हें ग्राम पंचायत में पता चला. सरकार से उन्हें आर्थिक सहायता मिली, जिससे तीन पक्के कमरे बनाए. इसका लेंटर पड़ चुका है. अब बरसात या गर्मी की कोई चिंता नहीं है. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार से आर्थिक सहायता नहीं मिलती तो शायद पक्का मकान बनाने का सपना अधूरा ही रह जाता.

2 सालों में 356 परिवारों को मकान को मिली मंजूरी
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिले में स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत पिछले दो सालों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के 356 परिवारों को मकान बनाने के लिए 5.34 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी गई. साल 2023-24 में अनुसूचित जाति के 187 परिवारों को मकान बनाने के लिए लगभग 2.80 करोड़ रुपए, अनुसूचित जनजाति के 03 मकानों के लिए 4.50 लाख और अन्य पिछड़ा वर्ग के 06 मकानों लिए 9 लाख रुपए का आवंटन किया गया है.

इसी प्रकार साल 2024-25 में जिला में अनुसूचित जाति के 151 लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए 2.27 करोड़ रुपए, अनुसूचित जनजाति के 03 मकानों के लिए 4.50 लाख रुपए और अन्य पिछड़ा वर्ग के 6 परिवारों को मकान बनाने के लिए 9 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है.

ये है पात्रता
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए. उसकी वार्षिक आय 50 हजार रुपए से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए. राजस्व रिकॉर्ड में उसके नाम पर मकान बनाने के लिए जमीन होनी चाहिए तथा उसके पास अपना मकान नहीं होना चाहिए.

ये होना चाहिए दस्तावेज
स्वर्ण जयंती आश्रय योजना का फॉर्म भरने के लिए वार्षिक आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, हिमाचली प्रमाण-पत्र होना चाहिए. इसके अलावा जिस जमीन पर मकान बनाना है, उसकी जमाबंदी नकल और ततीमा, ग्राम सभा का प्रस्ताव साथ लगाना आवश्यक है.

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हिमाचल में स्वर्ण जयंती आश्रय योजना से बना सकते हैं घर, ऐसे करें अप्लाई



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