हिमाचल में 35% लोगों के लीवर हो रहे खराब, ये 2 हैं मुख्य वजहें, जिनसे लीवर पर असर – News18 हिंदी


राजेंद्र शर्मा

शिमला. हिमाचल में तमाम प्रयासों के बावजूद भी लीवर खराब होने की बीमारी अब चिंता का विषय बन चुका है. सूबे के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) के गैस्ट्रोलॉजी विभाग में लगातार फैटी लीवर के केस सामने आ रहे हैं. रोजाना यहां पर बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं.

गैस्ट्रोलॉजी विभाग के प्रोफ़ेसर डॉक्टर राजेश शर्मा का कहना है कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में एक माह के अंदर 150 के करीब मरीज ओपीडी में पहुंचते है. इसमें से 35 प्रतिशत लोगों के लीवर खराब होते हैं. आईजीएमसी गैस्ट्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर राजेश से जब इस विषय पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि 2015 की अपेक्षा अब लीवर खराब होने के काफी मामले सामने आ रहे है.

प्रोफ़ेसर डॉक्टर राजेश शर्मा बताते हैं कि  लीवर खराब होने का मुख्य कारण चिट्टा (हेरोइन ड्रग्स) और शराब का सेवन करना है. वह कहते हैं कि लाहौल स्पीति जिले में स्पीति रिजन में हेपेटाइट्स-बी पाया जाता है. इसके अलावा, हेपेटाइट्स-सी की बीमारी केवल चिट्ठा के सेवन से होती है. लीवर खराब होने का पता अल्ट्रासाउंड और बल्ड टेस्ट करने से चलता है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश के किसी भी अस्पताल में लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा नहीं है. ऐसे में मरीजों चंडीगढ़ पीजीआई या फिर दिल्ली जाना पड़ता है.

प्रोफ़ेसर डॉक्टर राजेश शर्मा  का कहना है कि  हमारे शरीर में मौजूद सभी अंग बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. शरीर के इन्हीं जरूरी अंगों में से एक लीवर कई सारे कार्यों में अहम भूमिका निभाता है. लीवर की इसी अहमियत को देखते हुए हर साल 19 अप्रैल को विश्व लीवर दिवस मनाया जाता है. यह दिन दुनिया भर में लीवर की बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.

शरीर का सबसे अहम अंग है लीवर

लीवर शरीर का सबसे अहम अंग होता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है. इतना ही नहीं, यह भोजन पचाने के साथ ही अन्य कई जरूरी कार्यों में भी अहम भूमिका निभाता है. प्रोफ़ेसर डॉक्टर राजेश शर्मा  कहते हैं कि इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद लोगों को लीवर की सेहत के प्रति जागरूक करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मृत्यु का 10वां सबसे आम कारण लीवर की बीमारी है. ऐसे में फैट वाले भोजन से परहेज करें. साथ ही शराब ना पीएं. स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर लोगों को अपने लीवर की देखभाल करने के लिए जागरूक करने के मकसद से मनाया जाता है.

कितना खर्च आता है

लीवर ट्रांसप्लांट करने में 30 से 35 लाख रुपये का खर्च आता है. माता-पिता और रिश्तेदारों का लीवर मैच होने पर भी ट्रांसप्लांट करवाया जा सकता है. लेकिन लीवर के डोनर काफी कम ही मिलते है.



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