हुनर का जादू! सूरजकुंड मेले में कैदियों के बनाए क्रिएटिव उत्पादों की धूम, लोगों की लगी लाइन

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Agency:News18 Haryana

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सूरजकुंड मेले में हरियाणा की जेलों में कैदियों द्वारा बनाए गए लकड़ी और कपड़ों के अनोखे उत्पाद लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने. पेन स्टैंड, चरखा, लकड़ी की कुर्सी और सोफा सेट जैसे क्रिएटिव आइटम खरीदने के लिए लो…और पढ़ें

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सूरजकुंड

सूरजकुंड मेले में हरियाणा जेलों के कैदियों के उत्पाद.

हाइलाइट्स

  • सूरजकुंड मेले में कैदियों के बनाए गए उत्पाद लोगों को आकर्षित कर रहे हैं.
  • पेन स्टैंड, चरखा, लकड़ी की कुर्सी और सोफा सेट जैसे अनोखे आइटम हैं.
  • यह पहल कैदियों के आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है.

फरीदाबाद: फरीदाबाद के सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय मेले में इस बार हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों के बनाए सामान की विशेष प्रदर्शनी लगाई गई है. स्टॉल पर लकड़ी और कपड़ों से बने उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनमें पेन स्टैंड, चरखा, लकड़ी की कुर्सी, सोफा सेट और अन्य उपयोगी वस्तुएं शामिल हैं. इन सभी उत्पादों को कैदियों ने अपने हाथों से तैयार किया है, जिससे उन्हें नया हुनर सीखने और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा मिल रही है.

जेल विभाग के स्टाफ मेंबर जगवीर ने बताया कि हरियाणा के सभी जिलों की जेलों में कैदियों को अलग-अलग कार्यों में लगाया जाता है जिससे वे कुछ नया सीख सकें और समाज में लौटने पर सम्मानजनक जीवन जी सकें. सूरजकुंड मेले और कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव में हर साल इन उत्पादों का स्टॉल लगाया जाता है.

सोनीपत जेल से आए पेन स्टैंड, चरखा, लकड़ी की कुर्सी और सोफा सेट काफी आकर्षक हैं और इनकी कीमत भी अलग-अलग है. ये उत्पाद देखने में जितने खूबसूरत हैं उतने ही मजबूत भी हैं.

पुराने पेड़ों से बना क्रिएटिव सामान
जेल विभाग के एक अन्य स्टाफ हनुमान सिंह ने बताया कि 1950 के बाद जेल परिसरों में लगे बड़े-बड़े पेड़ पुराने होकर गिरने लगे. इन्हीं पेड़ों की लकड़ी का सदुपयोग करते हुए जेल प्रशासन ने कैदियों से छोटे-छोटे उपयोगी उत्पाद बनवाने शुरू किए. धीरे-धीरे यह पहल बढ़ती गई और आज जेलों में लकड़ी के सुंदर और टिकाऊ उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं.

हनुमान सिंह का मानना है कि इन उत्पादों को बेचने का उद्देश्य पैसा कमाना नहीं, बल्कि समाज को एक सकारात्मक संदेश देना है. वह चाहते हैं कि लोग इन वस्तुओं को देखकर अपराध की दुनिया से बाहर निकलने की प्रेरणा लें. जो भी व्यक्ति इन वस्तुओं को एक बार खरीदता है, वह इसे खास मानता है क्योंकि ये जेल में सुधार कार्यक्रम के तहत तैयार किए गए होते हैं.

उनके अनुसार, इन वस्तुओं को शीशम और नीम की लकड़ी से बनाया जाता है, जिससे उनकी गुणवत्ता बेहतरीन होती है. यह कार्य पिछले 10 वर्षों से नियमित रूप से जारी है, जबकि इसकी योजना और शोध बीते 20 सालों से चल रहा था. इस पहल के माध्यम से कैदियों को न केवल नया हुनर सीखने का अवसर मिला है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटने का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है.

स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद भी मौजूद
सिरसा जेल से जुड़े रामवीर सिंह ने बताया कि इस स्टॉल पर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद उत्पाद भी रखे गए हैं. उन्होंने कहा हमारे पास ऐसे प्रोडक्ट हैं, जो न केवल उपयोगी हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी अच्छे हैं.

समाज में बदलाव की अनोखी पहल
हरियाणा की जेलों में कैदियों के लिए यह पहल पुनर्वास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है. इन उत्पादों को खरीदकर न केवल लोग एक अच्छा और टिकाऊ सामान अपने घर ले जाते हैं बल्कि वे सुधार प्रक्रिया का भी हिस्सा बनते हैं. सूरजकुंड मेले में आए लोग इन वस्तुओं की खूब सराहना कर रहे हैं जिससे जेल में सुधार कार्यक्रम को भी मजबूती मिल रही है.

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हुनर का जादू! सूरजकुंड मेले में कैदियों के बनाए क्रिएटिव उत्पादों की धूम

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