10 दिन, 240 घंटे… चेतना को सुरंग में ढूंढ रही NDRF, अब तो एक-एक पल है भारी, बोरवेल नहीं खोज पायी टीम
कोटपुतली में बोरवेल में फंसी चेतना का टीम नहीं लगा पा रही है पता.बोरवेल के सामांतर किए गए गड्ढे में सुरंग बनाने के दौरान टीम दिशा भटकी.
कोटपुतलीः राजस्थान के कोटपुतली जिले में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी चेतना का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है और वह कबतक बाहर आएगी, इस सवाल का जवाब मौके पर मौजूद किसी एक्सपर्ट के पास नहीं है. वहीं रेस्क्यू टीम और अधिकारियों के हर रोज नए दावों से परिवार और गांव वालों की नाराजगी और बढ़ती जा रही है. रेस्क्यू टीम ने पहले देसी जुगाड़ अपनाया. लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ. इसके बाद मशीन से खुदाई शुरू की गई और फिर जब बोरवेल के सामांतर खुदाई हो गई तो उसके अंदर रेस्क्यू टीम दिशा भूल गई. टीम दूसरा गड्ढा इसलिए बनवाई ताकि दोनों गड्ढों के बीच सुरंग बनाकर बच्ची को निकाला जा सके. लेकिन यह प्लान भी कामयाब नहीं हुआ.
बता दें कि बीते 23 दिसंबर को जिले के किरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी की चेतना 23 दिसंबर को खेलते हुए बोरवेल में गिर गई थी. चेतना 700 फीट गहरे बोरवेल में 170 फीट पर फंस गई. जैसे-तैसे उसे 120 फीट पर लाया गया. चेतना को बोरवेल में गिरे हुए 10 दिन हो गए हैं. लेकिन एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के हाथ खाली हैं. मंगलवार की देर शाम को पता चला कि पाइलिंग मशीन से खुदाई के बाद गड्ढे में बनाई गई सुरंग को गलत दिशा में खोद दिया गया.
अब बोरवेल को लोकेट करने के लिए जीपीआर मशीन बुलाई गई है. मंगलवार की देर रात को जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह ने एनडीआरएफ इंचार्ज योगेश मीणा से रेस्कू ऑपरेशन की स्टेट्स रिपोर्ट ली. चेतना की मां धोली देवी ने सीएम से चेतना को बचाने की मार्मिक अपील की. धोली देवी की सेहत अभी खराब है. वो चेतना का नाम लेते हुए अक्सर बेहोश हो जाती हैं.
FIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 07:42 IST