– 12 bigha area in mandsaur huge tree is present former prime minister Nehru visit – News18 हिंदी
शादाब चौधरी / मन्दसौर. जिले के ग्राम थडोद में स्थित हजरत ग़ालिब शाह रहमतुल्लाह अलेह की दरगाह के नजदीक 800 साल पुराना बरगद का पेड़ है. खास बात यह कि यहां मौजूद बरगद का पेड़ 12 बीघा यानी कि 3 हेक्टेयर तक फैल चुका है. जानकार बताते हैं पेड़ से निकलती वाली जड़ें तने का रूप लेती गई और यह वृक्ष फैलता चला गया. पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के अलावा अंग्रेजी सेना भी यहां दस्तक दे चुकी है.
महू – नीमच स्टेट हाइवे पर मन्दसौर से नीमच की ओर 13 किलोमीटर दूरी पर स्थित गांव थडोद में 800 साल पुराना बरगद का पेड़ मौजूद है. बताया जाता है कि हजरत ग़ालिब शाह रहमतुल्लाह अलेह की दरगाह के नजदीक करीब 800 साल पहले 1 बरगद के पौधे ने जन्म लिया, पौधे ने पेड़ का रूप लिया और पेड़ से निकलने वाली जड़े जमीन में जाकर तने का रूप लेने लगी यही वजह है कि यह बरगद का पेड़ पसरता चला गया और धीरे – धीरे 3 हेक्टर यानी 12 बीघा तक के दायरे में फैल गया.
12 बीघा क्षेत्र में फैला बरगद अब होने लगा है बूढ़ा
लगभग 12 बीघा यानी की 3 हेक्टेयर के दायरे में फैले इस विशाल पेड़ को इस रूप में देखते – देखते गांव की कई पीढ़ियां गुजर गई. सैकड़ो बरसों तलक छांव से लोगों और पशु – पक्षियों को तृप्त करने वाला यह विशाल वृक्ष अब यह बूढ़ा होने लगा है. एक वक्त ऐसा भी था जब यहां दोपहर में भी लोग आने से डरा करते थे लेकिन अब यह अपनी जड़े छोड़ने लगा है. पहले जहां पूरे पेड़ के क्षेत्र में धूप नहीं पहुंच पाने की वजह से अंधेरा हुआ करता था लेकिन अब वहां धूप नजर आने लगी है तो साथ ही पेड़ के तने भी खोखले होने लगे हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू भी कर चुके हैं जियारत
हजरत ग़ालिब शाह रहमतुल्लाह अलेह की दरगाह कौमी एकता की मिसाल मानी जाती है. हर मजहब के लोग बाबा के दर पर अपनी मुरादे लेकर पहुंचते हैं. बताया जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तक हज़रत गालिब शाह के मज़ार पर हाजिरी दे चुके हैं. 90 वर्षीय मोहम्मद हनीफ बताते हैं 1 ही पेड़ से यह विशालकाय वृक्ष चारों ओर 12 बीघा तक फैला है पेड़ का तना बढ़ता चला गया जड़े और जमीन में उतरती चली गई. मोहम्मद हनीफ ने यह भी बताया कि उनके दादा अक्सर हज़रत ग़ालिब शाह बाबा की दरगाह के बारे में जिक्र किया करते थे साथ ही उनसे पहले उनकी 4 पीढ़ी इस बरगद के पेड़ को निहार चुकी है.
अंग्रेजी सेना भी दे चुकी है दरगाह पर दस्तक
हाजी मोहम्मद नबी ने लोकल 18 से चर्चा के दौरान बताया कि करीब 800 साल पुराना पेड़ जो दरगाह के पास से शुरू होता है और उसकी टहनियां फैलते हुए 12 बीघा तक फैल गई है. उस दौर में यहां दोपहर में भी अंधेरा हुआ करता था लेकिन रख रखाव के अभाव में यह पेड़ सूखने लगा है. मोहम्मद नबी ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू के अलावा अंग्रेजों की सेना भी हजरत ग़ालिब शाह बाबा के आस्ताने पर दस्तक दे चुकी है.
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FIRST PUBLISHED : October 10, 2023, 15:45 IST