14000000000 करोड़… खुल गया राजस्थान की किस्मत का ताला, टूरिस्ट भी देखकर कहेंगे वाह!


जयपुर: राजस्थान सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयत्न कर रही है. इस बीच पर्यटन विभाग ने 14000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए 142 समझौत ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किया. इसके साथ प्री-राइजिंग रास्थान शिखर मीटिंग्स की शुरुआत हो गई. कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि सरकार राज्य की शक्तियों का लाभ उठाने पर विचार कर रही है, चाहे वह वन्यजीव हो, धार्मिक सर्किट हो या हेरिटेज और कल्चर हो.

इस दौरान उन्होंने पर्यटकों के लिए आकर्षण के नए केंद्र बनाने को लेकर बांसवाड़ा में स्थित माही बांध, बीसलपुर बांधी और चंबल नदी में आईलैड्स का जिक्र किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वीपों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए निजिकरण पर विचार कर रही है. पिछले कांग्रेस शासन ने अपने कार्यकाल के अंत में द्वीपों को निजी व्यक्तियों को पट्टे पर देने की कोशिश की थी, लेकिन योजना को स्थगित कर दिया था. मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सरकार बिजली, पानी और सड़क कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिससे पर्यटन क्षेत्र को भी लाभ होगा.

फिक्की-राजस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भजन लाल ने कहा, “पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी के साथ-साथ शेखावाटी के लिए यमुना जल समझौता और राज्य के दक्षिणी क्षेत्र के जिलों के लिए देवास परियोजना को जमीन पर लागू किया जा रहा है।” उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, जिनके पास पर्यटन विभाग भी है, ने कहा कि पर्यटन विभाग होटल, रिसॉर्ट्स और ग्रामीण इकाइयों में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से नई नीतियां पेश करेगा, जिससे क्षेत्र में नई संभावनाएं और अवसर पैदा होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार अगले साल मार्च में IIFA 2025 की मेजबानी करेगी, जो राजस्थान में पर्यटन के लिए नए अवसर मिलेंगे.

पर्यटन सचिव रवि जैन ने विभाग द्वारा निवेशकों को दिए जा रहे राजकोषीय और गैर-राजकोषीय प्रोत्साहनों के बारे में बताया. इस अवसर पर पर्यटन आयुक्त विजयपाल सिंह, आरटीडीसी की प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा, फिक्की पर्यटन एवं संस्कृति समिति के अध्यक्ष दीपक देवा, फिक्की राजस्थान के सह-अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह शेखावत, विजक्राफ्ट समूह के सह-संस्थापक एवं निदेशक सब्बास जोसेफ और उद्योग हितधारक उपस्थित थे.

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