150 year old book shop of gorakhpur where you get old books of urdu writer – News18 हिंदी


रजत भटृ/गोरखपुर: गोरखपुर का घंटाघर बाजार, जो सैकड़ों साल पुराना है. यहां आज भी कई ऐसी दुकान और कई ऐसी चीजें मौजूद हैं, जो इसके प्राचीन होने की कहानी को बयां करते हैं. इस बाजार के पांडे हाता पहुंचने के बाद आपको एक ऐसी दुकान मिलेगी. जो पिछले 150 साल से इस शहर के लोगों को पुरानी किताबे पढ़ा रहा है. इस दुकान पर सालों पुराने उर्दू के लगभग सारी पुस्तके मिलती है.

खासकर उर्दू शायर मिर्ज़ा ग़ालिब, अल्लामा इकबाल जैसे शायरों के सारी पुरानी किताबें आपको यहां मिल जाएगी. दुकान की हालत टूटी-फूटी जैसी है. लेकिन किताबे आज भी उतने ही ताजा है, जैसे मानों की कल ही लिख के आए हो.

150 साल पुरानी दुकान
दुकान का नाम है ‘अददी मरकज’ और इतिहास 150 साल पुराना. दुकान के मालिक सैयद अशरफ अली बताते हैं कि, वह इस दुकान को चलाने वाले अपने खानदान की तीसरी पीढ़ी है. उनके दादा और वालिद ने इससे पहले इसकी जिम्मेदारी संभाली थी. वह बताते हैं कि, एक दौर था जब यहां से गाजियाबाद, मुरादाबाद तक उनकी किताब जाया करती थीं. लेकिन अब महज इस दुकान में ही वह सारी किताबें सिमट के रह गई है. आज भी यहां पुराने से पुराने उर्दू लफ्ज़ की शेरो शायरी की किताब मौजूद है.

यह किताबें है मौजूद
इस दुकान पर आज भी उर्दू की सारी पुरानी किताबें, शेरो शायरी और गजल की किताब आपको आसानी से मिल जाएगी. सैयद बताते हैं कि, सारी किताबें पहले दुकान पर ही हुआ करती थी. लेकिन अब दुकान की छत थोड़ा टूटने लगी है तो, आधे से अधिक किताबें घर पर रखी है. बाकी सारी किताबें यहा मौजूद हैं. यहां उर्दू की पुरानी किताब बहाव, काफ्का के अफसाने, दिल्ली जो एक शहर था, अल्लामा इकबाल की किताब असरार ए खुदी वह मुंशी प्रेमचंद की किताब ‘असरारे मआबिद’ जैसी कई उर्दू की किताबें मौजूद हैं. इनमें से कई पुस्तक 50 रुपए की है, तो कई 100 रुपए की है.

Tags: Gorakhpur news, Local18



Source link

x