17.50 करोड़ के इंजेक्शन से बची बच्चे की जान, संगठनों और सोशल मीडिया के जरिए जुटाया गया पैसा
भरतपुर : भरतपुर का रहने वाला हृदयांश काफी लंबे समय से स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी SMA नामक दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा था, इसे दुनिया के सबसे महंगे इंजेक्शन की जरूरत थी. इंजेक्शन इतना महंगा था कि हृदयांश के माता-पिता इस इंजेक्शन का खर्चा नहीं उठा पाते, इसके लिए सोशल मीडिया द्वारा एवं आम लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार की मुहिम चलाई गई, सभी लोग हृदयांश की जान बचाने के लिए जुट गए आज यह मुहिम और अभियान सफल हो गया, क्योंकि लोगों की मदद एवं मुहिम से आज हृदयांश को जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल में 17.50 करोड रुपए का इंजेक्शन लगाया गया.
जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल में 23 महीने के हृदयांश को 17.50 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाया गया. यह इंजेक्शन अस्पताल में रेयर डिजीज यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर प्रियांशु माथुर और उनकी टीम ने लगाया. बच्चे को अमेरिका से मंगवाया गया जोल गेनेस्मा नामक इंजेक्शन लगाया गया. हृदयांश काफी लम्बे समय से स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी SMA नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित था, जिसके इलाज के लिए 17.50 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत थी. हृदयांश के जन्म के 6 महीने बाद बीमारी का पता चला था कि हृदयांश को इस प्रकार की बीमारी है.
हृदयांश के पिता नरेश शर्मा पुलिस विभाग में कार्यरत है. इंजेक्शन लगाने के बाद डॉक्टर प्रियांशु माथुर ने बताया इस बीमारी के कारण मसल्स में कमजोरी आने लगती है. इस लिए बच्चे को चलने-फिरने में परेशानी होती है एवं सांस रुकने की भी संभावना रहती है. इससे पहले भी दो बच्चों को थैरेपी दे चुके हैं. अब हृदयांश को को 24 घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. हृदयांश के घर वालों ने बताया कि सभी के प्रयास एवं मेहनत से नया जीवन दान मिला है. इसके लिए सभी का आभार करते हैं.
FIRST PUBLISHED : May 15, 2024, 24:05 IST