18 वर्षीय लड़की, गंभीर हालत में पहुंची हॉस्पिटल, बिना लिवर ट्रांसप्लांट के मरीज के हालत में सुधार, इस बीमारी से थी पीड़ित
मेरठ: मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल वैशाली (गाजियाबाद) में मेरठ की 18 वर्षीय लड़की का सफल इलाज किया गया. ये लड़की एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस (हेपेटाइटिस ए) से पीड़ित थी, जो एक्यूट लिवर फेल्योर से संबंधित होता है. मरीज को एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) भी था. कंजर्वेटिव तरीके अपनाते हुए पूरी सावधानी से डेडिकेटेड टीम ने भूमिका का इलाज किया और उनकी रिकवरी में अहम रोल निभाया.
जब भूमिका गर्ग को हॉस्पिटल वैशाली लाया गया, तब उन्हें अल्टर्ड सेंसोरियम की शिकायत थी और स्थिति गंभीर थी. इस केस को तुरंत हैंडल किया गया और गहन देखभाल के लिए गैस्ट्रो आईसीयू में ट्रांसफर किया गया. जांच रिपोर्ट्स में पता चला है कि भूमिका एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस (हेपेटाइटिस ए) से ग्रसित थी और ये समस्या एक्यूट लिवर फेल्योर की तरफ बढ़ रही थी और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) की वजह से ये समस्या और जटिल हो रही थी. भूमिका की हालत गंभीर थी, उसके सांस को संतुलित करने के लिए इनट्यूबेशन और मैकेनिकल वेंटिलेशन की जरूरत थी.
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गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी और एंडोस्कोपी विभाग के डायरेक्टर डॉक्टर सुभाशीष मजूमदार ने कहा, ”जब भूमिका को मैक्स हॉस्पिटल वैशाली में भर्ती कराया गया तब उसकी हालत गंभीर थी. एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस और एआरडीएस ने मिलकर मरीज की सेहत को चुनौतीपूर्ण बना दिया था जिसके लिए तुरंत इंटेंसिव केयर की जरूरत थी. हम मरीज की कंडीशन को स्थिर करने के लिए ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक, इंट्रावीनस फ्लूड, आईवी मैनिटोल और अन्य कंजर्वेटिव ट्रीटमेंट अपनाए.”
भूमिका के लिवर फेल होने का खतरा देखते हुए लिवर ट्रांसप्लांट की भी प्लानिंग की गई. हालांकि, इसके बिना ही हमारी मेडिकल टीम के प्रयासों से भूमिका ने धीरे-धीरे इंप्रूवमेंट शुरू कर दिया. सावधानी के साथ मरीज की निगरानी और पर्सनलाइज्ड केयर जैसी कंजर्वेटिव मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी अपनाकर भूमिका की कंडीशन को बेहतर किया गया.
डॉक्टर मजूमदार ने आगे बताया, ”गहन निगरानी के साथ इंटेंसिव केयर मिलने के बाद भूमिका की हालत में सुधार होने लगा. भूमिका का वेंटिलेटर सपोर्ट हटा दिया गया और धीरे-धीरे उसका लिवर फंक्शन नॉर्मल लेवल पर आने लगा.
एडवांस तरीकों और मिलकर जुलकर किए गए प्रयासों से हम लोग लिवर ट्रांसप्लांट किए बिना ही मरीज की हालत में सुधार करने में सफल हो गए. मरीज की रिकवरी और उसे सेहतमंद होते देखना बहुत ही गर्व और खुशी देता है. ”बीमारी को मात देने भूमिका को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. गंभीर हालत से सेहत में सुधार तक की भूमिका की यात्रा जटिल मामलों में भी कंजर्वेटिव तरीकों से प्रभावशाली इलाज की भूमिका को दर्शाती है.
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FIRST PUBLISHED : May 1, 2024, 23:18 IST