1971 का जख्‍म नहीं भूला बांग्‍लादेश, पाक‍िस्‍तान से दोस्‍ती के ल‍िए रख दी शर्त, मगर PM मोदी से मिलने की आस


शेख हसीना सरकार के तख्‍तापलट के बाद बांग्‍लादेश में जब मुहम्‍मद युनूस के नेतृत्‍व में जब अंतर‍िम सरकार बनी, तो पाक‍िस्‍तान के साथ दोस्‍ती की नई इबारत लिखी जाने लगी. एक पल को लगा था क‍ि बांग्‍लादेश भारत से दूर हो रहा है. लेकिन तीन महीने में ही हालात बदल गए हैं. अब बांग्‍लादेश को समझ आ गया है क‍ि पाक‍िस्‍तान के साथ दोस्‍ती ठीक नहीं है. उसने शर्त लगा दी है क‍ि पाक‍िस्‍तान के साथ रिश्ते तभी सामान्‍य हो सकते हैं, जब वह 1971 के लिए माफी मांगे. उधर, पीएम मोदी से मिलने के ल‍िए बांग्‍लादेश की सरकार बार-बार कोश‍िशें कर रही है. अब फ‍िर उम्‍मीद जताई क‍ि पीएम मोदी और यूनुस की मुलाकात नवंबर में हो सकती है.

बांग्‍लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि पाक‍िस्‍तान के साथ रिश्ते तभी सामान्‍य हो सकते हैं जब वह 1971 में बांग्लादेश‍ियों पर किए अपराधों के ल‍िए माफी मांगे. पाकिस्तान को यह बिल्कुल भी नहीं समझना चाह‍िए क‍ि हम 1971 के मुद्दे को भूल जाएंगे और पाक‍िस्‍तान के साथ अच्‍छे रिश्ते बनाएंगे. एक प्रेस कांफ्रेंस में मोहम्‍मद तौहीद हुसैन ने कहा-हमने पाक‍िस्‍तान से अब तक नहीं सुना क‍ि उन्‍होंने 1971 के ल‍िए कभी माफी मांगी हो. वे साहस दिखाएं और कहें कि वे ईमानदारी से माफी मांग रहे हैं, तो रिश्ते सामान्य हो जाएंगे. बांग्लादेश चाहता है कि पाकिस्तान 1971 में निहत्थे बंगालियों पर किए गए अत्याचारों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे. अगर जापान द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अपने कृत्यों के लिए माफी मांग सकता है, तो पाक‍िस्‍तान क्‍यों नहीं कर सकता.

पाक‍िस्‍तान पर बांग्‍लादेश के विदेश मंत्री ने क्‍या कहा
बता दें क‍ि हाल ही में यूएन जनरल असेंबली में भाषण देने न्‍यूयॉर्क पहुंचे यूनुस की पाक‍िस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात हुई थी. ऐसे में माना जा रहा था क‍ि पाक‍िस्‍तान और बांग्‍लादेश के र‍िश्ते एक बार फ‍िर पटरी पर आ रहे हैं. लेकिन इस मुलाकात को बांग्‍लादेश के विदेश मंत्री ने शिष्‍टाचार भेंट बताया. उन्‍होंने कहा-यह पूरी तरह से शिष्टाचार मुलाकात थी. हम ऐसी बैठकों में मुश्किल मुद्दे नहीं उठाते. जब हम चर्चा के लिए बैठेंगे, तो हम ऐसे मुश्किल मुद्दे उठाएंगे. 1971 का मुद्दा हमेशा बना रहेगा. 1971 हमेशा हमारे दिल में है. जबक‍ि शहबाज शरीफ ने कहा था क‍ि बांग्लादेश और पाकिस्तान को रिश्तों का एक नया अध्‍याय लिखना चाह‍िए. हालांक‍ि, बांग्‍लादेश की सोच में इसे लेक‍र बदलाव साफ द‍िख रहा है.

बिम्‍स्‍टेक में पीएम मोदी-यूनुस मुलाकात की आस
उधर, बांग्‍लादेश चाहता है क‍ि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुहम्‍मद यूनुस की मुलाकात ज‍ितनी जल्‍दी हो जाए उतना अच्‍छा है. हाल ही में पीएम मोदी जब न्‍यूयॉर्क गए थे, तब भी बांग्‍लादेश ने दोनों के बीच मुलाकात की कोश‍िशें की थीं, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया. अब बांग्‍लादेश के गृहमंत्री तौहीद हुसैन ने इसे लेकर बयान दिया है. उन्‍होंने कहा, तब पीएम मोदी और मुहम्‍मद यूनुस की मुलाकात इसल‍िए नहीं हो पाई, क्‍योंंक‍ि प्रधानमंत्री मोदी डॉ. यूनुस के पहुंचने से एक दिन पहले ही न्यूयॉर्क से चले गए थे. तौहीद हुसैन ने संकेत दिया कि अगले महीने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की संभावना हो सकती है. उन्होंने कहा, अभी तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन उम्‍मीद है क‍ि यह नवंबर में होगी, जहां दोनों नेताओं के बीच द्व‍िपक्षीय बैठकें हो सकती हैं.

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