2 डीलरशिप, 8 कर्मचारी, कंपनी के 12 करोड़ के IPO पर टूट पड़े लोग, लगा दिए 4800 करोड़ रुपये


हाइलाइट्स

रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल आईपीओ 22 अगस्‍त को खुला था. रिसोर्सफुल आईपीओ में लोगों ने दिल खोलकर पैसा लगाया है. इश्‍यू को 400 गुना ज्‍यादा सब्‍सक्रिप्‍शन हासिल हुआ है.

नई दिल्ली. दोपहिया वाहन डीलरशिप, रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के आईपीओ (Resourceful Automobile IPO) को मिली बोलियों से न केवल निवेशक हैरान हैं, बल्कि इसने दलाल स्‍ट्रीट के बड़े-बड़े दिग्‍गजों का भी सिर चकरा दिया है. केवल 12 करोड़ रुपये के इस एसएमई आईपीओ को लगभग 4,800 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुईं. यानी इस आईपीओ को इसके आकार से 400 गुना अधिक बोलियां मिली हैं. रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल दिल्‍ली की कंपनी की है. खास बात यह है कि इसके पास केवल दो डीलरशिप हैं और आठ कर्मचारी हैं. इस आईपीओ पर जिस तरह लोग टूट कर पड़े हैं, उसका कोई स्‍पष्‍ट कारण नजर नहीं आ रहा है और अब लोग इस बात की खोजबीन करने में लगे हैं आखिर इस आईपीओ में ऐसा क्‍या था कि यह 400 गुना सब्‍सक्राइब हो गया.

रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल ने 117 रुपये प्रति शेयर की दर से 10.2 लाख शेयरों की पेशकश की थी. यह इश्यू 22 अगस्त को खुला और 26 अगस्त को बंद हुआ. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, जब सोमवार शाम को सब्सक्रिप्शन विंडो बंद हुई, तो कुल 40.8 करोड़ शेयरों की बोलियां आ चुकी थीं. इसमें हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) के लिए रिजर्व हिस्‍से को 150 गुना बोलियां मिलीं. रिटेल इनवेस्‍टर्स ने इस आईपीओ में जमकर पैसा लगाया और खुदरा निवेशकों का हिस्‍सा 500 गुना सब्‍सक्राइब हुआ.

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अप्रत्याशित सब्सक्रिप्शन ने उठाए सवाल
मर्चेंट बैंकरों को उम्मीद थी कि यह आईपीओ सामान्य आईपीओ की तरह 5-10-20 गुना सब्सक्राइब होगा, लेकिन इतनी अधिक सब्सक्रिप्शन संख्या ने सभी को चौंका दिया है. सूत्रों के अनुसार, इस तरह की बड़ी संख्या का कोई स्पष्ट कारण नहीं है और अब लोग इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि इस आईपीओ के लिए किसने आवेदन किया था. कंपनी का इरादा आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल दिल्ली/एनसीआर में नए शोरूम खोलकर अपने कारोबार का विस्तार करने का है. आय के कुछ हिस्सों का उपयोग अपने ऋण चुकाने, कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए भी किया जाएगा.

सोशल मीडिया पर चर्चा
इस घटनाक्रम ने सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा बटोरी. एक्स पर अनुभवी फंड मैनेजर समीर अरोड़ा ने मजाक में कहा, “रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल ने सचमुच अपने नाम को सार्थक बना दिया.” वहीं, अन्य एक्स यूजर्स ने नकारात्मक नकदी प्रवाह के बावजूद इस सब्सक्रिप्शन आंकड़े को “पागलपन” करार दिया.

बाजार में निवेशकों का मूड अप्रत्याशित
यह जबरदस्त सब्सक्रिप्शन एक बार फिर साबित करता है कि बाजार में निवेशकों का मूड कितना अप्रत्याशित हो सकता है. छोटे आकार की कंपनियों के आईपीओ में अक्सर इस तरह की अत्यधिक मांग देखने को मिलती है, लेकिन रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल का आईपीओ इस मामले में एक अपवाद साबित हुआ है.

Tags: Business news, IPO, Stock market



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