2024 Roadmap On Opposition Meet Agenda Today After AAP-Congress Thaw – AAP-कांग्रेस के हाथ मिलाने के बाद आज विपक्ष की बैठक का एजेंडा 2024 का रोडमैप तैयार करना
संसद के आगामी मानसून सत्र और 2024 के लोकसभा चुनावों की योजना बनाने के लिए कांग्रेस द्वारा बुलाई गई बैठक में 24 विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि 2024 के आम चुनावों के मद्देनजर विपक्षी गठबंधन के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम और संचार बिंदुओं का मसौदा तैयार करने के लिए एक उपसमिति गठित करने का प्रस्ताव है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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बेंगलुरु में आज से होने वाली विपक्ष की बैठक में 24 विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र में भाग लेने की उम्मीद है, जहां वे 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगे.
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सूत्रों के मुताबिक, नेताओं के एक संयुक्त घोषणापत्र जारी करने को लेकर चर्चा करने और अधिकांश लोकसभा सीट पर साझा विपक्षी उम्मीदवारों को खड़ा करने के अपने प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की संभावना है. उन्होंने कहा कि सोमवार को रात्रिभोज से पहले चर्चा कर वार्ता के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा.
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कांग्रेस द्वारा आयोजित बैठक की पूर्व संध्या पर पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने भी बैठक में शामिल होने की घोषणा कर दी है. दरअसल, आम आदमी पार्टी ने शर्त रखी थी कि कांग्रेस द्वारा संसद में अध्यादेश का विरोध करने की सूरत में ही वह विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेगी.
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इस बार बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी शामिल होने की संभावना है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, टीएमसी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जद(यू) नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी बैठक में शामिल हो सकते हैं.
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विपक्ष की बैठक में के चन्द्रशेखर राव, जगन मोहन रेड्डी, चंद्रबाबू नायडू और नवीन पटनायक दूर रहेंगे. बता दें कि मंगलवार को एनडीए की भी एक बैठक होने जा रहा है.
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विपक्ष की यह बैठक शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन और पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के बीच हो रही है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. बंगाल में हुई चुनावी हिंसा को लेकर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई और वाम दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की है.
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शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, “यह एक निर्णायक बैठक होगी. कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.” भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा कि दो दिवसीय सत्र भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के संयुक्त संकल्प को दर्शाएगा. राजा ने कहा, “बेंगलुरु बैठक भाजपा को हराने और देश एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक पार्टियों को एकजुट करने की दिशा में एक और कदम होगी.”
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पटना में 23 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित विपक्षी एकता के लिए आखिरी बैठक में पंद्रह दलों ने भाग लिया था. हालांकि, बैठक के बाद कुछ पार्टियों के बीच मतभेद की भी खबरें सामने आई थीं.
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विपक्ष की बैठक दो दिनों तक चलेगी और इसी दौरान मंगलवार को नई दिल्ली में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की एक बड़ी बैठक के होने जा रहा है, जिसका उद्देश्य 2024 के आम चुनावों से पहले संख्या बल बढ़ाना है.
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एनडीए को उम्मीद है कि 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने से पहले लगभग 30 दल गठबंधन के साथ खड़े नजर आएंगे.