2025 बजट: रियल एस्टेट, शिक्षा, हॉस्पिटैलिटी, रिन्यूएबल एनर्जी की उम्मीदें

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2025 का बजट आने वाला है और रियल एस्टेट, शिक्षा, हॉस्पिटैलिटी, और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर इससे बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. रियल एस्टेट को ‘इंडस्ट्री का दर्जा’ और ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस’ की मांग है.

बजट 2025: रियल एस्टेट, एजुकेशन और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की क्या है चाहत?

2025 का बजट अब करीब आ चुका है और देश के विभिन्न सेक्टर इससे बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. रियल एस्टेट से लेकर शिक्षा, हॉस्पिटैलिटी, और रिन्यूएबल एनर्जी तक, हर क्षेत्र अपनी जरूरतों के मुताबिक बदलाव की उम्मीद कर रहा है. यह बजट न सिर्फ इन सेक्टरों की दिशा तय करेगा, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि में भी अहम भूमिका निभाएगा. आइए जानते हैं कि किस सेक्टर को क्या उम्मीदें हैं और इस बजट में उन्हें किस तरह के बदलावों की तलाश है.

रियल एस्टेट सेक्टर इस समय काफी मजबूती से बढ़ रहा है. लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर का कहना है रियल एस्टेट को ‘इंडस्ट्री का दर्जा’ और ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस’ मिलना चाहिए. उनका कहना है कि इससे सेक्टर को फायदा होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. ओकस ग्रुप के चेयरमैन प्रकाश मेहता भी इस बदलाव से आशान्वित हैं, क्योंकि इससे न केवल रियल एस्टेट बल्कि अन्य उद्योगों को भी फायदा होगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी.

इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस की उम्मीदें
एस्कॉन इन्फ्रा रियलटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज शर्मा का कहना है कि यदि रियल एस्टेट को ‘इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस’ मिल जाता है, तो सेक्टर को नई दिशा मिल सकती है. उनका मानना है कि इससे लंबे समय तक कम ब्याज पर लोन मिल सकेगा, और परियोजनाओं के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस लागू होने से काम में तेजी आएगी.

प्रतीक ग्रुप के एमडी प्रतीक तिवारी भी रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सकारात्मक बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस सेक्टर में रोजगार के बड़े मौके मिल रहे हैं और यह देश की जीडीपी में योगदान बढ़ा रहा है. वे उम्मीद करते हैं कि सरकार इस बजट में ‘इंडस्ट्री का दर्जा’ और ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस’ जैसी प्रमुख मांगों को पूरा करेगी.

बजट में होम लोन पर ज्यादा छूट
सुषमा ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रतीक मित्तल का कहना है कि आने वाला बजट घर खरीदना आसान बनाने का बढ़िया मौका है. अगर होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट बढ़ाई जाए और पहली बार घर खरीदने वालों को कुछ खास फायदा मिले, तो लोगों के लिए घर लेना और आसान हो जाएगा. साथ ही, टियर-2 और टियर-3 शहरों में अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने से इन इलाकों का विकास तेज होगा, खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा और रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी.

सिंगल-विंडो क्लीयरेंस
गिलको ग्रुप के एमडी, तेजप्रीत सिंह गिल का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए बजट में ऐसी नीतियों पर ध्यान देना जरूरी है, जो टिकाऊ विकास को बढ़ावा दें. अगर ग्रीन बिल्डिंग और रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल पर टैक्स में छूट या कोई खास फायदा मिले, तो यह सेक्टर भारत के पर्यावरण लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ेगा. इसके अलावा, अगर सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम को आसान बना दिया जाए, तो प्रोजेक्ट की मंजूरी जल्दी मिलेगी और खर्च भी कम होगा, जिससे डेवलपर अच्छी क्वालिटी के प्रोजेक्ट बना पाएंगे. साथ ही, मेट्रो कनेक्टिविटी और बेहतर सड़कों जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश होने से शहरों के आसपास के इलाकों में भी रियल एस्टेट के नए मौके बनेंगे.

रियल एस्टेट निवेश बढ़ाने के लिए टैक्स राहत
मोतियाज ग्रुप के एमडी, मुकुल बंसल का कहना है कि रियल एस्टेट में निवेश बढ़ाने के लिए लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन की अवधि दो साल करनी चाहिए और सेक्शन 54EC में छूट ₹1 करोड़ तक बढ़ानी चाहिए. होम लोन रीपेमेंट पर सेक्शन 80C की लिमिट बढ़ने से घर खरीदारों को राहत मिलेगी. अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर GST कम करने और स्टांप ड्यूटी की दिक्कतें दूर करने से खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा. आसान टैक्स सिस्टम और बेहतर नीतियों से रियल एस्टेट बाजार और तेजी से आगे बढ़ सकेगा.

बीपीटीपी के सीएफओ मानिक मलिक ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र को बजट 2025-26 से स्थिरता और विकास को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों की उम्मीद है. बढ़ती रेजिडेंशियल मांग को देखते हुए, घर खरीदारों को टैक्स राहत और हाउसिंग सेक्टर को समर्थन बेहद जरूरी है. साथ ही, पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेंस) के दायरे को बढ़ाने और पुनर्निवेश के नियमों को आसान बनाकर निवेश को बढ़ावा दिया जा सकता है. इन कदमों से न केवल रियल एस्टेट का विकास होगा, बल्कि बुनियादी ढांचे में सुधार और रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे.

रॉयल ग्रीन रियल्टी के एमडी यशांक वासन का मानना है कि यह बजट टियर-2 शहरों जैसे इंदौर, बहादुरगढ़, और सोनीपत में रियल एस्टेट को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है. रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों सेक्टर के विकास के लिए होम लोन ब्याज पर ज्यादा टैक्स कटौती और समान जीएसटी दरें जरूरी हैं. इसके अलावा, प्रोजेक्ट्स में देरी रोकने के लिए सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की भी आवश्यकता है. इन उपायों से टियर-2 शहर न केवल आर्थिक विकास के केंद्र बनेंगे, बल्कि रोजगार और बेहतर जीवन स्तर को भी बढ़ावा देंगे.

हॉस्पिटैलिटी: घरेलू और विदेशी पर्यटन को बढ़ावा
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को इस बजट से बहुत उम्मीदें हैं. टी.डब्ल्यू.एच. हॉस्पिटैलिटी की ग्रुप सीईओ अंबिका सक्सेना का कहना है कि सरकार को घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए और अधिक निवेश करना चाहिए. इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और भारत को एक बेहतरीन ट्रैवल डेस्टिनेशन बनाया जा सकेगा.

शिक्षा: डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास
शिक्षा क्षेत्र को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. क्रैक एकेडमी की सह-संस्थापक इंदु कंसल का कहना है कि डिजिटल शिक्षा, ग्रामीण कनेक्टिविटी और कौशल विकास के लिए और अधिक निवेश की जरूरत है. यह कदम देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा और छात्रों के लिए नई अवसरों का रास्ता खोलेगा.

स्टार्टअप्स के लिए भी है बजट 2025 से उम्मीदें
भारत में स्टार्टअप्स का माहौल तेजी से विकसित हो रहा है. अर्दीट्वींस के सीईओ और को फाउंडर, निशांत कुमार का कहना है कि हम आने वाले बजट से उम्मीद करते हैं कि यह भारत के स्टार्टअप्स को और मजबूत करेगा. हम चाहेंगे कि इस बजट में टैक्स में राहत, लोन मिलने में आसानी और नई सोच को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ लाई जाएं. अगर सरकार सही तरीके से समर्थन दे, तो स्टार्टअप्स देश के आर्थिक विकास में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और भारत को नवाचार के मामले में दुनिया में एक अहम स्थान दिला सकते हैं.

सोलर और ग्रीन हाइड्रोजन के लिए बढ़ेगा समर्थन
इंफोर्मा मार्केट्स इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, योगेश मुद्रास ने कहा कि बजट 2025 में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के लिए नीतियों और निवेशों में बढ़ोतरी की उम्मीद है. 2030 तक 500 GW ऊर्जा क्षमता पाने के लिए नए क्षेत्रों जैसे ऑफशोर विंड और ग्रीन हाइड्रोजन के लिए बजट समर्थन जरूरी है. सोलर पैनल और बैटरियों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने से ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूती मिलेगी. सरकार से बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम पर कस्टम ड्यूटी में छूट का विस्तार और PLI योजना का विस्तार करने की उम्मीद है. इंफोर्मा मार्केट्स ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए REI एक्सपो और रिन्यू एक्स जैसे प्लेटफार्मों का आयोजन किया है.

हर सेक्टर का अपना दृष्टिकोण और मांगें हैं, जो इस बजट से जुड़ी हैं. रियल एस्टेट को ‘इंडस्ट्री का दर्जा’, हॉस्पिटैलिटी को पर्यटन बढ़ाने के लिए समर्थन, और शिक्षा को डिजिटल शिक्षा के लिए ज्यादा निवेश मिलने की उम्मीदें हैं, तो वहीं,भारत के स्टार्टअप्स को इस बार के बजट से टैक्स में छूट, लोन मिलने में आसानी और नवाचार को बढ़ावा देने वाली नीतियों की उम्मीद है. अब यह देखना होगा कि बजट में इन सभी सेक्टर के लिए कितने बड़े बदलाव होंगे, जो भारत के विकास में सहायक साबित होंगे.

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बजट 2025: रियल एस्टेट, एजुकेशन और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की क्या है चाहत?

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