2030 तक चीनी नौसेना होगी 400 पार,पेंटागन की रिपोर्ट में खुलासा, चाहता क्या है चीन इस बार ?



china navy 2024 12 15e2dbed700696f9d4d5b596f8c2a739 2030 तक चीनी नौसेना होगी 400 पार,पेंटागन की रिपोर्ट में खुलासा, चाहता क्या है चीन इस बार ?

China PLA navy news:  चीन नंबरों के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. 2049 तक वो दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य ताकत बनने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है. समंदर पर बादशाहत का भूत चीन के सर पर सवार है. एक के बाद एक नए जंगी जहाजों और सबमरीन की झड़ी लगा दी है. ऐसे ही एक प्लान का खुलासा पेंटागन की एक रिपोर्ट में हुआ है. इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन 2030 तक अपनी नेवी को 435 जंगी जहाजों के बेड़े तक पहुँचा देगा. चीन नौसेना का बेड़ा फिलहाल 370 जंगी जहाजों का है. अगले 5 साल के भीतर वह इसमें 65 नए जंगी जहाज, सबमरीन, माइन स्वीपर, एयरक्राफ्ट कैरियर , एंफीबियस वॉर शिप और जोड़ लेगा.

2035 तक 80 सबमरीन नेवी होगा चीन
चीन का सबमरीन प्रोग्राम 1990 और 2000 के दशक बीच में शुरु हुआ. इस दौरान चीन ने रूस से 12 किलो क्लास सबमरीन की खरीद की थी. उसके बाद चीन ने चोरी की तकनीक के सहारे सबमरीन बनानी शुरू कर दी. पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन साल 2035 तक अपने सबमरीन बेड़े में 80 सबमरीन शामिल कर लेगा. चीनी नौसेना के पास इस वक्त 60 सबमरीन हैं. 6 बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन ( SSBN), 6 न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन (SSN- सबमर्सिबल शिप न्यूक्लियर) इसके अलावा 48 डीज़ल इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन से चीनी नौसेना लेस है.

ऐसी बढ़ाई चीन ने रफ्तार
साल 2000 में चीन के पास सिर्फ 210 वॉरशिप थे. दुनिया पर राज करने के मकसद से उसने हर पांच साल का एक टार्गेट सेट कर दिया. 2020 तक आते आते चीन ने खुद को दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना के तौर पर शुमार कर दिया. साल 2025 में चीन के पास 395 जंगी जहाज़ों का बेड़ा हो जाएगा. पीएलए नेवी अपने बैटल फ़ोर्स को अगले 5 साल में साल में 65 जंगी जहाजों और सबमरीन को शामिल कर के 400 पार हो जाएगा. 2030 तक चीन का टार्गेट है 435 बैटल फोर्स नेवी बन जाना.

हिंद महासागर क्षेत्र में भारत तैयार है
पिछले दस साल में चीन ने समुद्र में बादशाहत की मन्शा साफ दिखाई दे रही थी. चीन का ज्यादा फोकस तो ताईवान और साउथ चाइना सी पर है. इसके साथ ही वह भारत को भी धीरे धीरे घेरते हुए चीन ने श्रीलंका, पाकिस्तान, बांगलादेश सहित कई अन्य देशों में खुद को मजबूत कर रहा है. चीन अपने मित्र देशों की नौसेना को डेवलप भी कर रहा है, जिसमें सबसे बड़ा सहयोगी है पाकिस्तान. भारतीय नौसेना भी आत्मनिर्भर भारत के तहत 2047 तक पूरी तरह से स्वदेशी नेवी बनने की राह पर है. साल 2030 तक भारतीय नौसेना 155 से 160 वॉरशिप नेवी बन जाएगी. इसमें सबमरीन भी शामिल होंगी. भारत के पास फिलहाल 16 डीज़ल इलेक्ट्रिक पावर्ड सबमरीन और 2 बैलेस्टिक मिसाईल न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन है. दो न्यूक्लियर अटैक सबमरीन (SSN) के निर्माण को सरकार ने हरी झंडी दे दी है. मतलब साफ है कि चीन भले ही अपने वॉरशिप की संख्या बढ़ा रहा हो भारत के पास उसका तोड़ मौजूद है.

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