22 Month Old Child Got Worlds Most Expensive Injection, These People Helped – क्राउड फंडिंग से 23 महीने के बच्चे को मिली नई जिंदगी, 17.5 करोड़ के इंजेक्शन के लिए क्रिकेटर से सब्जीवाले तक ने दिया डोनेशन


क्राउड फंडिंग से 23 महीने के बच्चे को मिली नई जिंदगी, 17.5 करोड़ के इंजेक्शन के लिए क्रिकेटर से सब्जीवाले तक ने दिया डोनेशन

नई दिल्ली:

राजस्थान के रहने वाले 22 महीने के हृदयांश के शरीर के कई हिस्से काम काम नहीं कर रहे थे. वह दुर्लभ आनुवंशिक विकार का सामना कर रहा था. उसकी बीमारी का इलाज 17.5 करोड़ रुपये के इंजेक्शन से ठीक हो सकता था. एक मध्यम वर्ग के पिता के लिए इतने पैसे बहुत ज्यादा थे. मगर लोगों की मदद से हृदयांश को इंजेक्शन मिल गया और जिंदगी भी बच गई. आखिर कैसे इतने रुपयों की व्यवस्था हुई? कैसे सब्जीवाले से लेकर देश के सुपरस्टार्स ने मदद की? 

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हृदयांश के पिता का नाम नरेश शर्मा है. वे राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात हैं. हृदयांश को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (spinal muscular atrophy) बीमारी थी. इस वजह से हृदयांश के शरीर के कई हिस्से काम नहीं करते थे. हृदयांश को ठीक होने के लिए एक खास तरह की इंजेक्शन की जरुरत थी. इस इंजेक्शन का नाम जोल्गेन्समा (Zolgensma) है. अब एक साधारण पुलिसकर्मी के लिए इतना पैसा जुटाना नामुमकिन था. मगर, जनता के प्रयास के कारण ये संभव हो पाया. आइए, हृदयांश की कहानी को जानते हैं.

क्राउडफंडिंग ने हृदयांश को बचाया

हृदयांश जब 20 महीने का था, तब राजस्थान पुलिस ने उसके लिए एक क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया था, जिसकी एक तय सीमा थी, क्योंकि इंजेक्शन केवल तब तक लगाया जा सकता है जब तक कि बच्चा 2 साल का न हो जाए.

जयपुर के JK लोन अस्पताल में हृदयांश भर्ती था. उसके लिए क्राउडफंडिंग से 17.5 करोड़ रुपये का इंजेक्शन अमेरिका से मंगवाया गया. चिकित्सकों ने  हृदयांश को दुनिया का सबसे महंगा जोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगा दिया है. अब हृदयांश सुरक्षित है.

सोनू सूद से लेकर दीपक चाहर ने मदद की

22 महीने के हृदयांश को बचाने के लिए फिल्म स्टार सोनू सूद, क्रिकेटर दीपक चाहर, आईएएस अधिकारी और आम जनता सामने आए. इन लोगों ने पैसे तो डोनेट किए ही, आम लोगों को भी मदद करने को कहा. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इन सभी ने तय समय पर सबको मदद करने को कहा, जिसके कारण हृदयांश को इंजेक्शन लग गया.

NDTV की थी पहल

एनडीटीवी ने हृदयांश के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था. NDTV की इस खास पहल के बाद राजस्थान पुलिस के डीजीपी  सहित कई IPS अधिकारियों ने आगे बढ़कर मदद करते हुए लोगों से भी क्राउड फंडिंग की अपील की थी. यही कारण है कि अब तक दुनिया का सबसे महँगा इंजेक्शन जयपुर आया है. इतनी बड़ी धनराशि के लिए पहली बार जयपुर में क्राउड फंडिंग हुई है. 

किस्त पर मंगवाया गया इंजेक्शन

इंजेक्शन लगने के बाद स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्रॉफी नाम की बीमारी से पीड़ित हृदयांश अब आम लोगों की तरह जिंदगी जी सकेगा. इंजेक्शन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ने भी हृदयांश के इलाज में काफी मदद की है. इंजेक्शन की 17.5 करोड़ रुपए की राशि को चार किश्तों में जमा कराने की छूट दी है. अब तक क्राउड फंडिंग से जमा हुए 9 करोड़ रुपए से इंजेक्शन की पहली किश्त जमा करा दी है. बाकी राशि को तीन किश्तों में एक साल में जमा कराया जाएगा.

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बहरहाल 9 करोड़ रुपये देकर इंजेक्शन मंगवाकर हृदयांश को दे दिया गया है. हालांकि, अब तक 9 करोड़ ही जमा कराए गए हैं. लेकिन अभी 8.5 करोड़ रुपये अभी और जुटाना है. जिससे की कंपनी को किस्त चुकाया जा सके.





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