23 या 24 फरवरी कब है माघ पूर्णिमा? इस दिन करें ये उपाय, हर मनोकामना होंगी पूरी; जानें पूजा विधि  Do these remedies on the day of Magh Purnima every wish will be fulfilled note down the worship and rituals – News18 हिंदी

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शुभम मरमट / उज्जैन. धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. आज हम बात करेंगे माघ पूर्णिमा 2024 के बारे में. यह एक ऐसा पर्व है जो आस्था, उल्लास और पवित्रता का प्रतीक है. हिंदू मास में दो पक्ष होते हैं, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष. शुक्ल पक्ष का आखिरी दिन पूर्णिमा कहलाता है. साल में 12 पूर्णिमा आती हैं, जिनमें माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयाग में स्नान, दान और जप करते हैं. इसलिए इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

माघ पूर्णिमा की पूजा विधि
माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किये जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु का पूजन, पितरों का श्राद्ध करने के साथ गरीब व्यक्तियों को दान देना बहुत शुभ माना जाता है. माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करना चाहिए. इसके बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें. अब व्रत का संकल्प लेते हुए भगवान मधुसूदन की पूजा-अर्चना करें. मध्याह्न काल में गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए. विशेष रूप से काला तिल दान में देना चाहिए. माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए.

माघ मास के बारे में
माघ सबसे पवित्र महीनों में से एक है, क्योंकि इस महीने की शुरुआत में सूर्य अपने उत्तरी पथ पर अस्त होते हैं. वहीं माघ पूर्णिमा माघ महीने का आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण दिन है. इसे पवित्र स्नान करने के लिए एक शुभ दिन माना जाता है. यह वही दिन है जब लोग कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान कर माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करते हैं.

माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
– माघ पूर्णिमा शुरू – 23 फरवरी 2024 को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से पूर्णिमा आरम्भ

– माघ पूर्णिमा खत्म – 24 फरवरी को शाम 6 बजकर 3 मिनट पर पूर्णिमा समाप्त

– उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी.

– स्नान-दान का शुभ मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 11 बजकर से सुबह 6 बजकर 02 मिनट तक.

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