265 किलोमीटर का सफर, रिक्शे पर माता पिता को बैठाया, मिर्जापुर से अयोध्या के लिए पैदल निकला ‘रामभक्त’


मिर्जापुर: कहते हैं कि कथा न केवल लोगों के जीवन में बदलाव लाती है, बल्कि कुछ ऐसा करने के लिए प्रेरित भी करती है, जो अनूठा और यादगार होता है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के अहरौरा कस्बे के रहने वाले राजकुमार की यह कहानी भी कुछ ऐसी ही है. राजकुमार ने श्रवण कुमार की तरह अपने माता-पिता को तीर्थयात्रा कराने का बीड़ा उठाया और उन्हें रिक्शे पर बिठाकर पैदल अयोध्या धाम के लिए निकल पड़े. रामकथा सुनने के बाद उन्हें यह अद्वितीय प्रेरणा मिली.

भगवान राम के हैं परम भक्त
अहरौरा के मझवा गांव के निवासी राजकुमार भगवान राम के परम भक्त हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने रामकथा का श्रवण किया था, जिसके बाद उनके मन में अयोध्या धाम के दर्शन की प्रबल इच्छा जाग उठी. कथा से मिली प्रेरणा के बाद शनिवार को उन्होंने अहरौरा के राधा-कृष्ण मंदिर में दर्शन-पूजन किया और फिर अपने माता-पिता को रिक्शे में बिठाकर अयोध्या के लिए रवाना हो गए. इस यात्रा में वह कुल 265 किलोमीटर का सफर तय करेंगे.

सुविधाजनक यात्रा का इंतजाम
राजकुमार ने यह सुनिश्चित किया कि उनके माता-पिता को किसी प्रकार की असुविधा न हो. उन्होंने रिक्शे में आवश्यक सामान और आरामदायक बैठने की व्यवस्था की है. राजकुमार खुद रिक्शा खींचते हुए पैदल चलेंगे. इस यात्रा के दौरान उनका मुख्य उद्देश्य अपने माता-पिता को बिना किसी कठिनाई के अयोध्या धाम पहुंचाना है. राजकुमार ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि रामकथा से मुझे गहरी प्रेरणा मिली है. अब माता-पिता के साथ अयोध्या जाने का संकल्प पूरा हो रहा है. हमें इस यात्रा की अपार खुशी है.

माता-पिता बेहद खुश
मां लक्षना देवी ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि वृद्धावस्था में भगवान राम के दर्शन से बड़ा सौभाग्य और कुछ नहीं हो सकता है. पुत्र ने हमारी इच्छा पूरी करने का जो संकल्प लिया. उससे हम बेहद खुश हैं. हमें गर्व है कि हमारा बेटा हमें तीर्थयात्रा पर लेकर जा रहा है.

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