317 किलो की महिला ने घटा लिया 226 किलो वजन, जानिए कैसे हुई फैट से फिट
आज के समय में मोटापा एक ऐसी समस्या है जिससे अमूमन लोग परेशान रहते हैं. अगर आप खाने-पीने पर और अपनी लाइफस्टाइल का ध्यान नहीं रखते हैं तो ये मोटापा आपको कई बीमारियों का शिकार भी बना देता है. लेकिन कहते हैं न कि जहां चाह वहां राह. अगर इंसान ठान लें तो वो कुछ भी कर सकता है. ऐसा ही कुछ किया क्रिस्टीना फिलिप्स ने भी. एक समय में दुनिया की सबसे ज्यादा मोटे लोगों की लिस्ट में शामिल क्रिस्टीना 317 किलो की थी. लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ अपना वजन कम करा और वो 90 किलो की हो गई थीं. आइए जानते हैं क्या है पूरी स्टोरी.
ये भी पढ़ें: न्यू बॉर्न बेबी को AC में सुलाना चाहिए या नहीं? अमूमन पेरेंट्स करते हैं ये गलती
क्रिस्टीना मिसिसिपी की रहने वाली हैं. जब वो 12 साल की थीं तो उनका वजन 136 किलो हो गया था, जो समय के साथ बढ़ता ही जा रहा था. जब क्रिस्टीना 22 साल की हुई तो उनका वजन 317 किलो हो गया था. अपने वजन को कम करने के लिए उनको 2 साल मेहनत करनी पड़ी थी. उनकी मेहनत रंग भी लाई और उन्होंने अपना वजन कम कर लिया.
कैसे बढ़ा वजन
क्रिस्टीना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनको बचपन में बहुत भूख लगती थी. तब उनके पेरेंट्स उनको खाने के लिए जंक फूड और फास्ट फूड देते थे. जिसकी वजह से उनका वजन तेजी से बढ़ता ही गया. उनका वजन इतना ज्यादा बढ़ गया था कि उनको चलने में भी परेशानी होती थी. यहां तक कि वो ज्यादा देर तक बैठ तक नहीं पाती थीं. क्रिस्टीना ने साल 2015 में अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की थी जिसमें उनकी फैट से फिट जर्नी नजर आई.
यहां देखें पोस्ट:
कैसे कम करा वजन
क्रिस्टीना ने अपने बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए गैस्ट्रीक बायपास सर्जरी भी कराई थी. लेकिन जब वो शुरूआत में डॉक्टर के पास गई थी तो डॉक्टर ने उन्हें बताया कि इतने ज्यादा बढ़े हुए वजन में सर्जरी नहीं हो सकती. इसके लिए उनको कुछ वजन कम करना होगा. इसके बाद उन्होंने अपनी डाइट पर कंट्रोल किया और जंक-फास्ट फूड से दूरी बनाकर हेल्दी खाने का रूख किया. इसके बाद उनकी सर्जरी हुई और धीरे-धीरे उनका वजन कम होने लगा.
गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी क्या है
गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी को रॉक्स इन व्हाई बाईपास के नाम से भी जाना जाता है. यह सर्जरी वजन कम करने के लिए की जाती है. इस सर्जरी में पेट के पास में एक पाउच लगाया जाता है जिसे पाइप की मदद से छोटी आंत से जोड़ देते हैं. इस पाउच के लगने के बाद खाना सीधे छोटी आंत में चला जाता है. वहीं पेट से खाना पचाने वाले एंजाइम भी उस पाउच में आ जाते हैं और खाना डाइजेस्ट हो जाता है. इसी के साथ इस पाउच का साइज इतना छोटा होता है कि पेट जल्दी भर जाता है. इस सर्जरी को करने से पहले डॉक्टर कई तरह के टेस्ट करवाते हैं और उसके बाद ही इसको करने की सलाह दी जाती है.