3200 people died due to weather in India year 2024 was the hottest year


दुनियाभर में हर साल प्राकृतिक, मौसमी आपदाओं के कारण हजारों लोग अपनी जान गंवा देते हैं. भारत भी इससे आपको बचा नहीं सका है. बता दें कि भारत में बीते साल 2024 में एक्ट्रीम वेदर इवेंट्स के कारण करीब 3200 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है.

2024 रहा सबसे गर्म साल

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक साल 2024 सबसे गर्म साल रहा है. मौसम विभाग ने बीते बुधवार को एक्ट्रीम वेदर इवेंट्स से होनी वाली मौतों को लेकर आंकड़ा जारी किया है. इन आकंड़ों के मुताबिक बिजली गिरने और आंधी-तूफान की वजह से सबसे ज्यादा 1374 लोगों की जान गई है. वहीं बाढ़ और तेज बारिश की वजह से 1287 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. वहीं हीटवेव के कारण 459 लोगों की मौत हुई है.

इन राज्यों में हुई सबसे अधिक मौतें

मौसम विभाग के मुताबिक एक्ट्रीम वेदर इवेंट्स के कारण सबसे ज्यादा मौतें बिहार राज्य में हुई है. बिहार में मौत का कारण बिजली गिरने और आंधी-तूफान है. वहीं बाढ़ और भारी बारिश के कारण केरल में सबसे अधिक मौतें हुई हैं. इसके अलावा उत्तर-प्रदेश, मध्य-प्रदेश और महाराष्ट्र उन टॉप 5 राज्यों में शामिल रहा है, जहां एक्ट्रीम वेदर इवेंट्स के चलते लोगों की जान चली गई है.

2024 तापमान सबसे अधिक बढ़ा 

गौरतलब है कि मौसम विभाग ने कुछ दिनों पहले वार्षिक तापमान वृद्धि का आंकड़ा भी जारी किया था. जिसके मुताबिक साल 1901 के बाद से अब तक 2024 को सबसे गर्म साल बताया गया है. इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे वार्मिंग की वजह से कुछ राज्यों और क्षेत्रों में औसत तापमान बढ़ा है.

ठंडे राज्यों में भी बढ़ा तापमान

साल 2024 में कई पहाड़ी राज्यों में भी तापमान में वृद्धि देखी गई है. जिसमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड राज्य भी शामलि हैं. इसके अलावा पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, छत्तीसगढ़, दक्षिण इंटीरियर कर्नाटक, उत्तर इंटीरियर कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, ओडिशा, बिहार, रायलसीमा और केरल और माहे के कुछ हिस्सों में औसत तापमान में वृद्धि हुई है.

तापमान में लगातार हो रही है बढ़ोत्तरी

बता दें कि साल 2024 में देश में सभी चार सीज़न में सामान्य से ऊपर तापमान दर्ज किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक सर्दी (जनवरी-फरवरी) 0.37 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म थी. वहीं प्री-मॉनसून सीज़न (मार्च-मई) 0.56 डिग्री सेल्सियस, मानसून (जून-सितंबर) में 0.71 डिग्री सेल्सियस और मानसून के बाद के मौसम (अक्टूबर-दिसंबर) में 0.83 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी गई है. वहीं 1901 से 2024 के बीच में आईएमडी के औसत वार्षिक तापमान डेटा ने देश में प्रति 100 वर्षों में 0.68 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखने को मिली है. 

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