4 साल से भारत की मिन्नतें कर रहा चीन, मगर इंडिया अपने फैसले पर अटल, गलवान के बाद से नहीं सुनी बात


नई दिल्ली. चीन और भारत के संबंध पिछले कुछ सालों से ठीक नहीं रहे हैं. भारत ने 4 साल पहले यहां से चीन के लिए डायरेक्ट फ्लाइट पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. अब चीन चाहता है कि यह प्रतिबंध हटाया जाए. हालांकि, भारत सरकार ऐसा करने के मूड में बिलकुल नजर नहीं आ रही है. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 2020 में गलवान घाटी में जो खूनी झड़प हुई थी उसके बाद से भारत ने चीन की ओर सख्त रुख अपना लिया. गौरतलब है कि इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

इसके बाद भारत ने चीन के साथ व्यापार कम करने का भी प्रयास किया. चीन की कई पॉपुलर ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसमें टिक-टॉक एक बड़ा नाम था. सीधी पैसेंजर उड़ानों को भी इस दौरान बैन कर दिया गया. हालांकि, मालवाहक वाहन अब भी दोनों देशों के बीच सीधे परिचालन करते हैं.

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बैकफुट पर चीन
कोविड-19 के बाद से ही चीन में विदेशी पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है. इसलिए चीन की विमानन उद्योग थोड़ा जूझता दिख रहा है. दूसरी ओर भारत में एयर ट्रैवल में जबरदस्त बूम आया है. ऐसे में चीन को फिलहाल एयर फेयर की ज्यादा जरूरत दिखाई दे रही है. रॉयटर्स के अनुसार, इसलिए पिछले कुछ सालों में चीन की सरकार और एयरलाइन्स ने कई बार भारत से फिर से सीधी उड़ानें शुरू करने का अनुरोध किया है. रॉयटर्स ने एक सूत्र के हवाले से कहा है कि चीन इसे बड़ी समस्या मानता है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह एक बयान में रॉयटर्स को बताया था, “हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष सीधी उड़ानों को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने के लिए चीन के साथ उसी दिशा में काम करेगा.” उन्होंने कहा कि उड़ानें फिर से शुरू करना दोनों देशों के हित में होगा. भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने रॉयटर्स को बताया था कि भारतीय एयरलाइंस केंद्र सरकार के साथ चर्चा कर रही हैं, जबकि चीनी एयरलाइंस सीधे मार्गों को फिर से शुरू करने के बारे में अपनी सरकार से बात कर रही हैं. भारत के विदेश मामलों और नागरिक उड्डयन मंत्रालयों ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया.

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