40 बेटियों की शादी, 60 से ज्यादा छात्राओं की पढ़ाई का खर्च, नारी शक्ति की मिसाल बनीं प्रो. क्रांति मिश्रा


Agency:News18 Madhya Pradesh

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सतना के पीजी कॉलेज की हिंदी प्रोफेसर क्रांति मिश्रा ने समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल कायम की है. उन्होंने अब तक 40 बेटियों की शादी करवाई और 60 से अधिक छात्राओं की शिक्षा का खर्च उठाया. सतना नगर निगम क…और पढ़ें

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प्रोफेसर क्रांति मिश्रा: शिक्षा, सेवा और समाज सुधार की मिसाल

हाइलाइट्स

  • 40 बेटियों की शादी और 60 छात्राओं की शिक्षा का खर्च उठा रहीं डॉ. क्रांति मिश्रा.
  • प्रो. क्रांति मिश्रा स्वच्छता, नशा मुक्ति और बेटी बचाओ अभियान में सक्रिय हैं.
  • सतना नगर निगम की ब्रांड एंबेसडर प्रोफेसर क्रांति मिश्रा हैं.

सतना: मध्य प्रदेश के सतना जिले के शासकीय शहीद पदमधर सिंह महाविद्यालय में हिंदी की प्रोफेसर डॉ. क्रांति मिश्रा ने अपने जीवन को पूरी तरह शिक्षा और समाजसेवा के लिए समर्पित कर दिया है. उनका मानना है कि एक शिक्षक का कर्तव्य केवल किताबों का ज्ञान देना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को संस्कार देना भी है. इसी सोच के साथ उन्होंने हजारों छात्र-छात्राओं के जीवन को संवारने का बीड़ा उठाया है.

डॉ. मिश्रा न केवल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दे रही हैं, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता भी कर रही हैं. वह अब तक 40 बेटियों की शादी अपने निजी खर्च से करवा चुकी हैं और 60 से अधिक छात्राओं की पढ़ाई का खर्च उठा रही हैं, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. समाजसेवा की भावना से प्रेरित होकर वह गरीब बेटियों, दिव्यांग परिवारों की सालों से सहायता भी कर रही हैं.

सतना नगर निगम की ब्रांड एंबेसडर भी हैं प्रोफेसर मिश्रा
डॉ. क्रांति मिश्रा का योगदान सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं है. उन्हें नगर निगम सतना का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया है. वह स्वच्छता अभियान, नशा मुक्ति, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, यातायात सुरक्षा और मतदाता जागरूकता अभियानों को सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं.

पिता से मिली प्रेरणा

लोकल 18 से बातचीत में डॉ. क्रांति मिश्रा ने बताया कि उनके पिता स्व. दयाशंकर जी गांव के जमींदार थे और हमेशा लोगों की मदद किया करते थे. उनके पास 300 एकड़ जमीन थी, लेकिन उन्होंने सदैव जरूरतमंदों की सहायता को प्राथमिकता दी. वह अपने पिता के इन संस्कारों से प्रेरणा लेकर डॉ. मिश्रा भी बचपन से ही समाजसेवा में रुचि रखने लगीं.

पहले प्रयास में पास की पीएससी परीक्षा
डॉ. क्रांति मिश्रा मूल रूप से सागर जिले के ग्राम महाराजपुर की रहने वाली हैं. उनके समय में वह अपने गांव की पहली लड़की थीं, जिसने कॉलेज जाकर पहले ही प्रयास में पीएससी परीक्षा पास की थी.

महिला शिक्षा और सामाजिक कार्यों में अहम भूमिका
सतना में उन्होंने सबसे पहले ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान पर काम किया. उन्होंने कई लड़कियों की पढ़ाई में आर्थिक सहयोग देकर उन्हें शिक्षा की ओर प्रेरित किया. इसके अलावा, स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान के तहत जिले भर में स्वच्छता अभियान चलाया. साथ ही नुक्कड़ नाटक, रैलियां आयोजित कीं और घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया. उनके सामाजिक योगदान को देखते हुए डॉ. क्रांति मिश्रा को सतना गौरव का पहला पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था. आज वह न सिर्फ एक शिक्षिका बल्कि समाज सुधारक के रूप में भी पहचानी जाती हैं.

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40 बेटियों की शादी, नारी शक्ति की मिसाल बनीं प्रो. क्रांति मिश्रा



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