40 मिनट की मीटिंग में क्या हुआ? जो ‘नेटफ्लिक्स इंडिया’ की अक्ल आई ठिकाने, IC 814 सीरीज पर लेना पड़ा बड़ा फैसला


नई दिल्ली. ‘आईसी-814: द कंधार हाईजैक’ वेब सीरीज में दिखाए गए ‘इंडियन एयरलाइंस’ के विमान के अपहरणकर्ताओं के नाम को लेकर उठे विवाद पर ‘नेटफ्लिक्स इंडिया’ को झुकना पड़ा है और अब उसने कहा है कि डिस्क्लेमर में आतंकवादियों के असली नाम और कोड नेम दोनों ही अपडेट कर दिया गया है. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि ओटीटी प्लेटफॉर्म को 48 घंटों के अंदर ही इतना बड़ा फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.

दरअसल, वेब सीरीज में आतंकियों के नाम भोला, शंकर, डॉक्टर, बर्गर और चीफ बताए गए हैं. जबकि अपहरणकर्ताओं के असली नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, सनी, अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर थे. दर्शकों के एक हिस्से द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद यह विवाद खड़ा हो गया, जिसमें उनका (दर्शकों का) तर्क है कि अपहरणकर्ताओं की असली पहचान को तोड़-मरोड़ का दिखाना ऐतिहासिक घटनाओं को गलत तरीके से पेश करने के बराबर है.

विवाद बढ़ने के बाद सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू ने नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेट प्रमुख मोनिका शेरगिल को तलब किया और वेब सीरीज में कुछ तत्वों के चित्रण पर सरकार की कड़ी असहमति जताई. जाजू के ऑफिस में मंगलवार को लगभग 40 मिनट तक यह बैठक हुई जिसमें ‘ओटीटी’ प्लेटफॉर्म की अधिकारी को समाज के एक बड़े वर्ग द्वारा व्यक्त की गई भावनाओं से अवगत कराया गया और बताया गया कि ऐसे विषयों से निपटने में संवेदनशील होने की जरूरत है.

वेबसीरीज में आतंकवादियों के चित्रण पर चिंता जताते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी को भी देश के लोगों की भावनाओं से खेलने का अधिकार नहीं है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि ओटीटी मंच को यह समझने की जरूरत है कि कुछ चीजो का समाज पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? अधिकारी ने कहा, “मुद्दा यह है कि हमें एक-दूसरे को समझना चाहिए. आपकी सोच क्या है, हमारी सोच क्या है? एक-दूसरे को समझने की जरूरत है और यह भी कि कुछ चीजों का समाज पर किस तरह का प्रभाव पड़ सकता है.”

इस मुलाकात के तुरंत बाद ही ‘नेटफ्लिक्स इंडिया’ की उपाध्यक्ष (कंटेंट) मोनिका शेरगिल ने कहा, “1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान 814 के अपहरण से अनजान दर्शकों के लाभ के लिए अपहरणकर्ताओं के वास्तविक और कोड नाम शामिल करते हुए शुरुआती डिस्कलेमर (अस्वीकरण) को अपडेट किया गया है.” उन्होंने एक बयान में कहा, “सीरीज में दिए गए नाम वास्तविक घटना के दौरान इस्तेमाल किए गए कोड नेम को बताते हैं.”

शेरगिल ने कहा, “भारत में कहानी बयां करने की समृद्ध संस्कृति है और हम इन कहानियों को प्रस्तुत करने और उनके प्रामाणिक चित्रण के लिए प्रतिबद्ध हैं.” आतंकवादी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने 1999 में प्लेन हाईजैक किया था. उन्होंने भारत की जेल में बंद पाकिस्तानी आतंकवादियों अहमद उमर सईद शेख, मसूद अजहर और मुश्ताक अहमद जरगर की रिहाई कराने के लिए फ्लाइट हाईजैक किया था.

इस वेब सीरीज को सोशल मीडिया पर भी बुरी तरह आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. कई यूजर्स ने आरोप लगाया है कि निर्माताओं ने अपहरणकर्ताओं का धर्म जानबूझकर बदल दिया है. एक यूजर ने एक्स पर लिखा, “कंधार विमान अपहरणकर्ताओं के मूल नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर, सनी अहमद, जहूर मिस्त्री और शाकिर हैं. अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज ‘आईसी 814’ में अपहरणकर्ताओं को भोला, शंकर के रूप में दिखाया गया है। सिनेमाई तौर पर इस तरह से वाइटवॉशिंग की जाती है.”

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