5वीं पास हरिकेश ने मिट्टी से कमाए लाखों, मूर्तियों के जरिए बदला परिवार का जीवन


मऊ: ऐसा कहा जाता है कि इंसान की कला, उसको नई पहचान दिला सकता है. किसी की कला उसके जीविका का आधार भी बन सकता है. ऐसी ही एक कहानी है. खैराबाद निवासी हरिकेश कुमार ने अपनी कला के बल पर एक अनोखी मिसाल पेश की है. उन्होंने केवल 5वीं कक्षा तक पढ़ाई की है, लेकिन आज वह मिट्टी की मूर्तियां बनाकर लाखों रुपये कमा रहे हैं. उनकी इस कला ने न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि वह 7 परिवारों का भरण-पोषण भी कर रहे हैं. कोलकाता से लोग उनकी कला के लिए यहाँ आते हैं, जबकि आमतौर पर गांव के लोग शहरों में रोजगार की तलाश में जाते हैं.

मूर्तियों की निर्माण प्रक्रिया
हरिकेश कुमार ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि एक बड़ी मूर्ति बनाने में लगभग 5 से 6 रुपये की लागत आती है, जबकि वह मूर्ति तैयार होने के बाद 12 से 14 हजार रुपये तक बिक जाती है. पिछले 20 वर्षों से वह इस कार्य में लगे हुए हैं और इस दौरान उन्होंने लाखों रुपये की बचत की है. उनके यहाँ काम करने वाले श्रमिक प्रति माह 30 से 35 हजार रुपये कमाते हैं, जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण होता है.

निर्माण विधि और श्रमिकों की मेहनत
मूर्ति बनाने की प्रक्रिया में पहले पुआल का उपयोग होता है, फिर मिट्टी और उसके बाद रंगीन पेंट का इस्तेमाल किया जाता है. एक मूर्ति बनाने में लगभग 7 दिन लगते हैं. कोलकाता से आए एक श्रमिक ने बताया कि वह अब तक 100 मूर्तियां बना चुका है और उसका लक्ष्य अभी और 100 मूर्तियों का निर्माण करना है. उसकी मासिक मजदूरी 33,000 रुपये है, जिससे वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा है.

सफलता का उदाहरण
हरिकेश कुमार की कहानी यह दर्शाती है कि कैसे कला और मेहनत के माध्यम से न केवल व्यक्तिगत सफलता हासिल की जा सकती है, बल्कि दूसरों को भी रोजगार प्रदान किया जा सकता है.

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