5.33 Crore Houses In The Country Are Still Waiting For Tap Water, Situation Is Worst In Three States: RTI – देश में 5.33 करोड़ घरों को अभी भी नल से जल का इंतजार, तीन राज्यों में हालात सबसे खराब : आरटीआई



0ofhbpec hand pump handpump generic pixabay 5.33 Crore Houses In The Country Are Still Waiting For Tap Water, Situation Is Worst In Three States: RTI - देश में 5.33 करोड़ घरों को अभी भी नल से जल का इंतजार, तीन राज्यों में हालात सबसे खराब : आरटीआई

हालांकि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साढ़े चार वर्षों में जल जीवन मिशन ‘हर घर जल’ के अंतर्गत 13,91,70,516 (13.91 करोड़) ग्रामीण घरों में नल से पानी पहुंचाया गया जबकि 15 अगस्‍त 2019 में ऐसे नल जल कनेक्‍शन वाले घरों की संख्या केवल 3,23,62,838 (3.23 करोड़) थी.

देश के ग्रामीण इलाकों में घरों की कुल संख्‍या 19,25,17,015 (19.25 करोड़) है, जिनमें से 25 दिसंबर 2023 तक 13,91,70,516 (13.91 करोड़) घरों में नल से जल कनेक्शन लगाए जा चुके हैं. भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर आवेदन के जवाब में यह जानकारी मुहैया कराई है.

भारत सरकार ने 2024 तक देश के प्रत्येक गांव के घर में नल के जरिए पानी की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए राज्यों के साथ साझेदारी में ‘हर घर जल’ योजना लागू की जा रही है.

मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए जवाब के अनुसार, पेयजल राज्य का विषय है और पेयजल आपूर्ति योजनाओं की योजना, डिजाइन, अनुमोदन और कार्यान्वयन राज्यों पर निर्भर है. भारत सरकार ने तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान कर राज्यों के इस प्रयास में मदद की है.

आरटीआई के मुताबिक, पिछले साढ़े चार वर्षों में जल जीवन मिशन ‘हर घर जल’ के अंतर्गत 13,91,70,516 (13.91 करोड़) ग्रामीण घरों में नल से पानी पहुंचाया गया जबकि 15 अगस्‍त 2019 में ऐसे नल जल कनेक्‍शन वाले घरों की संख्या 3,23,62,838 (3.23 करोड़) थी.

15 अगस्‍त 2019 तक देश के 16.81 फीसदी गांवों में ही घरों में नल के जरिए पानी पहुंचता था, जिसका अनुपात बढ़कर अब 25 दिसंबर 2023 तक 72.29 फीसदी हो गया है. लेकिन लगभग 28 फीसदी ग्रामीण इलाकों में मौजूद घर अभी भी ‘नल से जल’ का इंतजार कर रहे हैं.

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, ‘हर घर जल’ मुहीम के तहत झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में ग्रामीण इलाकों के घरों में नल के कनेक्शन की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. झारखंड में जहां 47.57 फीसदी घरों में नल के कनेक्शन हैं वहीं राजस्थान और पश्चिम बंगाल में क्रमश 45.33 और 40.69 फीसदी घरों में ही नल के कनेक्शन हैं.

आरटीआई से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जल जीवन मिशन के आरंभ होने के बाद से पिछले साढ़े चार वर्षों में कुल 10,68,07,678 (10.68 करोड़) घरों में नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं.

पिछले पांच वर्षों के दौरान देशभर के ग्रामीण इलाकों में नल से जल कनेक्शन के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं.

आरटीआई के मुताबिक, 2019-20 में नल से जल कनेक्शन के लिए कुल 9,951 करोड़ रु, 2020-2021 में 10,916 करोड़ रु, 2021-22 में 40,010 करोड़ रु, 2022-23 में 54,744 करोड़ रू और 2023-24 में 47,293 करोड़ रुपये खर्च किए गए. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, मिशन के अंतर्गत नौ राज्यों के ग्रामीण इलाकों में हर घर में नल कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है. 100 फीसदी नल कनेक्शन वाले राज्यों में गोवा, अंडमान और निकोबार, दादर एवं नागर हवेली और दमन एवं दीव, हरियाणा, तेलंगाना, पुडुचेरी, गुजरात, पंजाब और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं.

आरटीआई से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जिन राज्यों के ग्रामीण इलाकों में 75 फीसदी से ज्यादा नल कनेक्शन लगाए गए हैं उनमें मिजोरम (98.35 प्रतिशत), अरुणाचल प्रदेश (97.83), बिहार (96.42), लद्दाख (90.12), सिक्किम (88.54), उत्तराखंड (87.79), नगालैंड (82.82), महाराष्ट्र (82.64), तमिलनाडु (78.59), मणिपुर (77.73), जम्मू-कश्मीर (75.64) और त्रिपुरा (75.25) शामिल हैं.

वहीं छत्तीसगढ़ में (73.35 फीसदी), मेघालय (72.81 फीसदी), उत्तर प्रदेश (72.69 फीसदी), आंध्र प्रदेश (72.37फीसदी), कर्नाटक (71.73फीसदी), ओडिशा (69.20फीसदी), असम (68.25फीसदी), लक्षद्वीप (62.10फीसदी), मध्य प्रदेश (59.36फीसदी), केरल में (51.87 फीसदी) ग्रामीण इलाके के घरों में नल के जरिए जल पहुंच रहा है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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