500 साल पुराना यह शिव मंदिर है चमत्कारी, यहां मांगी हर मन्नत होती है पूरी! सावन में नहीं होती पैर रखने की जगह
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धौलपुर/धर्मवीर बघेल: सावन के महीने की शुरुआत से पहले ही लोग भगवान शिव की भक्ति में डूब जाते हैं. आजकल हर कोई पूजा-पाठ की बात करता दिख रहा है. खासतौर पर सोमवार के दिन भगवान शिव को खुश करने के लिए लोग अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं. राजस्थान का चोपड़ा मंदिर भी सैकड़ों सालों पुराना है. कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने से मन की हर एक बात पूरी होती है. आइए जानते हैं मंदिर की खासियत.
राजस्थान का चोपड़ा मंदिर
जिले का ऐतिहासिक चोपड़ा मंदिर सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बना हुआ है. मंदिर की खास बात ये है कि इस मंदिर के मुकाबले आसपास कोई इतना प्राचीन मंदिर नहीं है. मंदिर मंदिर को 500 साल पुराना बताया जाता है. यह धौलपुर का सबसे पुराना शिव मंदिर है.
सावन में होती है विशेष पूजा
सावन में इस मंदिर पर सोमवार के दिन पैर रखने की जगह तक नहीं बचती है. शहर समेत आसपास के इलाके से श्रद्धालु यहां भोले के दर्शन करने पहुंचते हैं. जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती ने भी इस मंदिर में शिव का रुद्राभिषेक किया है. यहां परिसर में एक कुण्ड भी मौजूद है. कहा जाता है कि उक्त कुंड की आकृति चौकोर होने की वजह से मंदिर को चोपड़ा मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर पर महाशिवरात्रि, सावन माह एवं साप्ताहिक सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने पहुंचते हैं.
महाराजा के मामा ने बनवाया था यह मंदिर
मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्त बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण धौलपुर के महाराजा भगवंत सिंह के मामा राजधर कन्हैया लाल ने करीब 1856 ईस्वी में करवाया था. कन्हैया लाल धौलपुर राजघराने के दीवान थे. वास्तुकला का जीता-जागता उदाहरण मंदिर चोपड़ा मंदिर की अलग पहचान है. इस मंदिर की ऊंचाई करीब 150 फुट है. यह वास्तुकला के हिसाब से बेहद खूबसूरत और अपनी अलग छाप छोड़ता है. इसके गर्भगृह में जाने के लिए 25 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है. गर्भगृह अष्टकोणीय है. इसको शिव यंत्र के रूप में भी देखा जाता है. मंदिर परिसर की दीवारों पर आठ दरवाजे भी हैं. हर दरवाजे पर आकर्षक मूर्तियां उकेरी गई हैं और मंदिर के प्रवेश द्वार पर ब्रह्मा की मूर्ति विराजमान है. इसका शिखर भी खूबसूरत है जो दूर से नजर आता है.
FIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 11:16 IST
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