6 months of day and 6 months of night know how people live in Antarctica and Norway


आज से सदियों पहले इंसानों की जिंदगी सूर्योदय और सूर्यास्त पर निर्भर करती थी. इंसान सूर्योदय के साथ उठता था और सूर्यास्त होते-होते अपने घरों के भीतर हो जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. बड़े शहरों में दिन और रात का पता ही नहीं चलता. 

हालांकि, सूर्योदय और सूर्यास्त आज भी यहां वैसे ही हो रहा है, जैसे पृथ्वी के अस्तित्व के समय से हो रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस धरती पर एक जगह ऐसी है जहां 6 महीने तक ना सूर्योदय होता है और ना ही 6 महीने तक सूर्यास्त. चलिए आज आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि आखिर वहां के लोग इस तरह के वातावरण में कैसे अपना जीवन बिताते हैं.

कहां है ये जगह

हम जिस जगह की बात कर रहे हैं उसे अंटार्कटिक कहते हैं. पूरी दुनिया में जहां 4 तरह के मौसम होते हैं, अंटार्कटिक में सिर्फ दो होते हैं. सर्दी या फिर गर्मी. इस जगह पर 6 महीने जब सूर्योदय रहता है तो गर्मी का मौसम रहता है. हालांकि, यहां की गर्मी भी अन्य देशों की सर्दी से भी ज्यादा सर्द होती है.

जबकि, 6 महीने जब यहां सूर्यास्त रहता है तो ये पूरा इलाका बर्फ का रेगिस्तान बन जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के इस हिस्‍से में 6 महीने दिन और 6 महीने रात होने का कारण पृथ्वी का अपनी धुरी पर टेढ़ी होकर घूमना है.

नॉर्वे में 76 दिनों तक सूर्योदय

अंटार्कटिक के करीब बसा नॉर्वे एक ऐसा देश है, जहां 76 दिनों तक सूर्यास्त होता ही नहीं है. यानी 76 दिनों तक इस देश में सूरज चमकता रहता है. इसके अलावा फिनलैंड, स्वीडन, कनाडा के नुनावुत, आइसलसैंड और अलास्का के बरो में भी ऐसा ही होता है. सूर्यास्त की बात करें तो नॉर्वे में दिसंबर में सूरज कई हफ्तों तक नहीं उगता. इस घटना को वहां “पोलर नाइट” कहा जाता है. हालांकि, बाकी समय सूरज उगता है और अस्त होता है.

कैसे जीते हैं यहां के लोग

अगर आप यहां घूमने गए हैं तो हो सकता है कि आपको इससे दिक्कत हो, लेकिन जो लोग वहां सदियों से रह रहे हैं उनको इसकी आदत हो गई है. यूट्यूब पर ऐसे कई वीडियो मौजूद हैं, जिसमें आप देख सकते हैं कि कैसे वहां के लोग रात और दिन को मैनेज करते हैं. नॉर्वे के रहने वाले एक व्यक्ति ने रात के करीब 2 बजे का वीडियो बनाते हुए दिखाया कि इस वक्त पूरे देश में उजाला है और सूरज सिर पर है, लेकिन हर तरफ सन्नाटा है.

ऐसा इसलिए क्योंकि लोग अपने घरों में सो रहे हैं. इंसानों की तरह जानवरों ने भी खुद के इस हिसाब से ढाल लिया है कि वह रात के समय आराम करते हैं और दिन के समय अपना काम करते हैं.

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