600 साल पुराने पेड़ का रहस्य बरकरार! संत रविदास से जुड़ा है कनेक्शन-ravidas-jayanti-mystery-of-600-year-old-tree-remains-intact-connection-with-sant-ravidas – News18 हिंदी


अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: जो कहीं नहीं होता वो काशी में देखने और सुनने को मिलता है. काशी में रहस्य और चमत्कार कोई नई बात नहीं है. इन्ही में से एक है सैकड़ों साल पुराना इमली का पेड़ जिसके चमत्कार की चर्चा पंजाब और हरियाणा तक है. धार्मिक मान्यता है कि इस पेड़ के पत्ती खाने से कई तरह के रोगों से मुक्ति मिल जाती है. इतना ही नहीं लोगों की मनोकामना भी यह इमली का पेड़ पूरा करता है. इस इमली के पेड़ का सीधा कनेक्शन संत रविदास से जुड़ा हुआ है.

वाराणसी के सीर गोवर्धन इलाके में संत रविदास मंदिर के करीब इमली का पेड़ है. कहा जाता है कि इसी इमली के पेड़ के नीचे संत रविदास बैठकर सत्संग किया करते थे. आज यही लोगों की भीड़ उमड़ती है और भक्त अपनी मनोकामना लेकर यहां आते हैं और मत्था टेकते हैं. संत रविदास के जयंती के मौके पर यहां भक्तों की भीड़ होती है. इस पेड़ की देखरेख भी मंदिर ट्रस्ट ही करता है.

600 साल पुराना है इतिहास
ट्रस्ट से जुड़े सेवादार लालचंद पंजाब ने बताया कि 14 वीं शताब्दी में संत रविदास यही बैठकर सत्संग करते थे. उनके निधन के बाद धीरे-धीरे यह पेड़ सूख गया लेकिन जब यहां मंदिर का निर्माण हुआ तो यह पेड़ फिर अस्तित्व में आया और इसी जड़ से दोबारा संत रविदास की कृपा से यह पेड़ हरा भरा हो गया.

क्या है भक्तों की मान्यता?
लोगों की मान्यता हैं कि इस पेड़ पर कलावा बांधने और उसके पत्ती को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से मनोकामना पूर्ण होती है और रोगों से भी छुटकारा मिलता है.

Tags: Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi news



Source link

x