8pay commission news When first pay commission set up in India and what salary fixed for central employees
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के साथ जिस चीज का इंतजार रहता है, वह है वेतन आयोग. सातवें वेतन आयोग के पूरे 10 साल बाद केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को गुड न्यूज सुनाई है. केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. इसे 2026 से लागू किया जाएगा. 8वां वेतन आयोग लगने से केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में भारी उछाल आने की संभावना है.
माना जा रहा है कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 186 फीसदी का भारी उछाल आएगा. यानी अभी बेसिक सैलरी 18000 रुपये है, जो 8वां वेतन आयोग लगने के बाद 51,480 रुपये को पार कर जाएगी. हालांकि, हम यहां वेतन आयोग के इतिहास यानी पहले वेतन आयोग की बात करेंगे? जानेंगे पहले वेतन आयोग का गठन कब और कैसे हुआ था और इस दौरान सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ी थी.
क्या होता है वेतन आयोग?
वेतन आयोग केंद्र सरकार द्वारा एक तरह से गठित की गई कमेटी होती है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रैक्चर की समीक्षा करती है और उसमें बदलाव की सिफारिश करती है. इसके साथ ही यह पैनल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बोनस, उनकी बेसिक सैलरी, भत्ते व अन्य लाभों की समीक्षा करके नई सिफारिशें करता है. इसकी सिफारिशें केंद्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनभोगियों पर भी लागू होती हैं. आमतौर पर हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन किया जाता है.
कब लगा था पहला वेतन आयोग
देश में अब तक सात वेतन आयोगों का गठन किया जा चुका है. पहले वेतन आयोग का गठन मई 1946 से मई 1947 के बीच किया गया था. इस वेतन आयोग के अध्यक्ष श्रीनिवास वरदाचार्य थे. इस वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियो के लिए न्यूनतम वेतन 55 रुपये महीना और अधिकतम 2000 रुपये महीना की सिफारिश की थी, जिसका लाभ 15 लाख कर्मचारियों को मिला था
किस वेतन आयोग में कितनी बढ़ी सैलरी
- पहला वेतन आयोग: 55
- दूसरा वेतन आयोग: 80
- तीसरा वेतन आयोग: 196
- चौथा वेतन आयोग: 750
- पांचवां वेतन आयोग: 2550
- छठ वेतन अयोग: 7000
- सातवां वेतन आयोग: 18000
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