8th Pay commission in India Know How much monthly salary was given in third pay commission
8th Pay commission News: केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की है. इसके बाद से लोग वेतन अयोग के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं. देश में अबतक सात वेतन आयोग लागू हो चुके हैं. हर वेतन आयोग के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होता है. हम आपको देश की आजादी के बाद पहले व दूसरे वेतन आयोग के बारे में बता चुके हैं. अब बात करते हैं देश में लागू हुए तीसरे वेतन आयोग की.
तीसरा वेतन आयोग कब लागू हुआ? इसके लागू होने से पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी कितनी थी? वेतन में कितना इजाफा हुआ था? आज के जमाने से यह सैलरी कितनी कम थी? यह सबकुछ हम आगे जानेंगे…
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तीसरे वेतन आयोग से पहले कितनी मिलती थी सैलरी?
तीसरे वेतन आयोग के लागू होने से पहले अगस्त 1957 में दूसरे वेतन आयोग का गठन किया गया था. इसका कार्यकाल अगस्त 1959 तक था. इस वेतन आयोग में समाजवादी प्रतिरूप को अपना गया था और अर्थव्यवस्था और जीवन-यापन की लागत को संतुलित करने पर ध्यान दिया गया था. दूसरे वेतन आयोग के समय केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 80 रुपये प्रतिमाह सिफारिश की गई थी. यानी दूसरे वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 14.2 फीसदी का इजाफा किया गया था.
तीसरे वेतन आयोग में कितनी बढ़ी थी सैलरी
देश में तीसरे वेतन आयोग का गठन अप्रैल 1970 से मार्च 1971 तक के लिए किया गया था. इस वेतन आयोग के अध्यक्ष रघुबीर दयाल थे. तीसरे वेतन आयोग ने निजी-सरकारी क्षेत्र में वेतन में समानता पर जोर दिया, इसके साथ ही वेतन ढांचे में मौजूदा खामियों को भी दूर करने की कोशिश की. इस वेतन आयोग में दूसरे वेतन आयोग की तुलना में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 20.6% का इजाफा किया गया था. सिफारिशें लागू होने के बाद कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 80 रुपये से सीधे 185 रुपये हो गया था. वेतन आयोग का लाभ करीब 30 लाख कर्मचारियों को मिला था, जिसका वित्तीय प्रभाव 12.8 अरब रुपये था.
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