8th pay commission News How much salary increase in second pay commission after first pay commission
8th Pay Commission: देशभर के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को केंद्र सरकार ने तोहफा दिया है. केंद्र सरकार की ओर से बीते दिनों 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है. यह घोषणा सातवें वेतन आयोग के 10 साल बाद की गई है और केंद्रीय कर्मचारियों को लंबे समय से इसका इंतजार भी था. आठवें वेतन आयोग का लाभ देश के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को 65 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा.
केंद्र सरकार जल्द ही 8वें वेतन आयोग के लिए अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति करेंगे, जो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी की समीक्षा करके नई सिफारिशें लागू करेंगे. केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि आठवां वेतन आयोग 2026 से लागू होगा. दरअसल, 31 दिसंबर, 2025 को सातवां वेतन आयोग खत्म हो रहा है, केंद्र उससे पहले ही नई सिफारिशें लागू कर सकता है. केंद्रीय कर्मचारियों को इससे वेतन में बंपर इजाफा होने का अनुमान है.
अब तक लागू हो चुके हैं सात वेतन आयोग
केंद्र सरकार हर दस साल में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा के लिए आयोग का गठन करती है. देश की आजादी के बाद समय-समय पर इनका गठन किया जाता रहा है. अब तक सात वेतन आयोग का गठन हो चुका है, जिसमें पहले वेतन आयोग का गठन 1946-1947 में हुआ था और इसके अध्यक्ष श्रीनिवास वरदाचार्य थे. इस आयोग ने जीवन यापन के लिए वेतन सिद्धांत पेश किया था, आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न्यूनतम 55 रुपये महीना वेतन की सिफारिश की थी, जिसका लाभ 15 लाख कर्मचारियों को मिला था.
कब लगा था दूसरा वेतन आयोग
पहले वेतन आयोग के 10 साल बाद अगस्त 1957 में दूसरे वेतन आयोग का गठन हुआ था और इसका कार्यकाल दो साल का था. इस आयोग की अध्यक्षता जगन्नाथ दास ने की थी. दूसरे वेतन आयोग ने समाजवादी सिद्धांत अवधारणा पेश की. आयोग का जोर गुजर-बसर करने की लागत और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन साधने पर था. इस आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 80 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की थी, इसका वित्तीय प्रभाव 1.44 अरब रुपये था.
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