8th pay Commission News Is it mandatory for Central government to accept recommendations of Pay Commission
8th Pay Commission Recommendations: केंद्र सरकार ने जब से आठवें वेतन आयोग के गठन को अपनी मंजूरी दी है, इसकी चर्चा तेज हो गई है. आठवां वेतन आयोग लागू होने से केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा हो सकता है. माना जा रहा है कि 7वें वेतन आयोग की तरह फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच रखा जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18000 रुपये से बढ़कर 41000 से 51,480 के बीच पहुंच सकती है.
केंद्र सरकार जल्द ही आयोग का गठन करेगा, जो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनभोगियों की पेंशन की समीक्षा करेगा और इसके बाद अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार के सामने रखेगा. माना जा रहा है कि 1 जनवरी, 2026 से इन सिफारिशों को लागू किया जा सकता है. हालांकि, अभी यह तय नहीं है. अब सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार वेतन आयोग की सिफारिशें मानने के लिए बाध्य है? इसको लेकर नियम क्या हैं? अगर केंद्र सरकार सिफारिशें नहीं मानती है तो क्या होता है? जानते हैं…
वेतन आयोग क्या-क्या सिफारिशें करता है?
जब भी वेतन आयोग का गठन किया जाता है, इसमें सैलरी, इकोनॉमी, मानव संसधान क्षेत्र के एक्सपर्ट्स को शामिल किया जाता है. यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों की मौजूदा सैलरी और पेंशन की समीक्षा करता है. देश की महंगाई दर, आर्थिक स्थिति, बाजार के वेतन जैसे फैक्टरों के आधार पर नई सिफारिशें तय की जाती हैं, जिन्हें केंद्र सरकार के सामने रखा जाता है. इसमें तनख्वाह बढ़ाने के साथ-साथ कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते (महंगाई, आवास, परिवहन, मेडिकल) के अलावा काम की स्थिति और कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग जैसी सिफारिशें शामिल होती हैं.
क्या सिफारिशें मानने के लिए बाध्य है सरकार?
जवाब है-नहीं.हो केंद्र सरकार वेतन आयोग की सिफारिशें मानने के लिए बाध्य नहीं ती है. हालांकि, केंद्र सरकार इन सिफारशों पर अमल जरूर करती है. सिफारिशें लागू करने से पहले केंद्र सरकार देश के वित्तीय हालात, राजकोषीय स्थिति और महंगाई पर विचार करती है, जिसके बाद सिफारिशों को आंशिक या पूर्ण रूप से लागू किया जा सकता है. केंद्र सरकार वेतन आयोग द्वारा तय किए गए फिगमेंट फैक्टर में काट-छांट भी करने के लिए स्वतंत्र होती है.
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