AAP Leader Saurabh Bhardwaj Accused Lt Governor To Take Credit Of Delhi Government Works Ann
Delhi Government On Bhalswa Lake: दिल्ली सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल की भलस्वा झील विज़िट को लेकर सवाल खड़े किये है. दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना आज भलस्वा झील का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने झील की साफ सफाई और पर्यटन के लिहाज से की जा रही तैयारियों की समीक्षा की.
उपराज्यपाल की इस विजिट पर आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, आज उपराज्यपाल भलस्वा लेक पर अधिकारियों संग गए और लेक की तरफ इशारा करते हुए कुछ फोटो और वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के बीच में जारी किए.
क्या बोले आप सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज?
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इससे पहले भी उपराज्यपाल अक्टूबर 2022 में भलस्वा लेक के दौरे पर गए थे, उस समय की तस्वीरें और आज की ताजा तस्वीरें सोशल मीडिया के जरिए जनता के बीच जारी करते हुए वह दिखाना चाहते हैं कि इस भलस्वा लेक के पुनर्जीवित करने का कार्य उप राज्यपाल महोदय ने अक्टूबर 2022 में शुरू किया और मई 2023 में इस भलस्वा झील को पुनर्जीवित कर लिया. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने लिहाज की सारी सीमा पार कर दी है. वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा भलस्वा झील के पुनर्जीवित करने के लिए चलाए गए कार्यक्रम का श्रेय ले रहे हैं.
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपनी बात को सत्यापित करते हुए इस लेक के पुनर्जीवित करने के लिए जारी किए गए दिल्ली जल बोर्ड का वर्क आर्डर का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्रकार से षड्यंत्र करके, माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी द्वारा किए गए कार्यों का श्रेय लेने से पहले उपराज्यपाल महोदय यह भूल गए, कि उन्होंने मई 2022 में उपराज्यपाल का पद संभाला था. जबकि 4 जनवरी 2022 को ही इस भलस्वा लेक के पुनर्जीवित करने के कार्य का वर्क आर्डर दिल्ली कि चुनी हुई सरकार द्वारा जारी किया जा चुका था.
इस भलस्वा लेक के पुनर्जीवित करने के कार्य से जुड़ी प्रक्रिया बताते हुए उन्होंने कहा, वर्क आर्डर तो बहुत बाद की बात होती है, किसी भी झील को पुनर्जीवित करने के लिए पहले जल बोर्ड प्लान बनाता है, फिर डीडीए के अधिकारियों संग उस झील को पुनर्जीवित करने पर चर्चा होती है, उनकी परमिशन लेनी पड़ती है, फिर उस झील को पुनर्जीवित करने के लिए आने वाले खर्च का एस्टीमेट बनाया जाता है, फिर उसका टेंडर जारी किया जाता है और इन सबके बाद कहीं जाकर जाकर अंत मे वर्क आर्डर किया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस भलस्वा झील को पुनर्जीवित करने का जो प्लान था वह लगभग 2019 में ही शुरू हो गया था, जिसका झूठा श्रेय अब दिल्ली के उपराज्यपाल लेने की कोशिश कर रहे हैं.
सौरभ भारद्वाज ने 17 मई 2019 का NOC भी दिखाया जिसने दिल्ली जल बोर्ड को केंद्र शासित DDA ने काम करने के लिए अनुमति दी . DDA ने कहा, दिल्ली सरकार इस लेक को पुनर्जीवित करने का काम करे.
उन्होंने कहा कि हमें ऐसा भी सुनने में आया है कि उपराज्यपाल द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि भलस्वा डेरी से जो गोबर इस झील में आता था और इस झील को दूषित करता था, वह अब उपराज्यपाल द्वारा रोक दिया गया है, परंतु सत्य इसके बिलकुल ही विपरीत है . उन्होंने बताया की भलस्वा झील में भलस्वा डेरी से आने वाले गोबर को दिल्ली जल बोर्ड द्वारा इंटरसेप्टर डालकर रुकवाया गया है . उन्होंने बताया कि यह कार्य दिल्ली जल बोर्ड ने अपने पैसों से बाकायदा टेंडर जारी करके करवाया था, जिसके साक्ष्य दिल्ली जल बोर्ड के पास आज भी मौजूद है .
सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर लगाए गंभीर आरोप
इस पूरे प्रकरण में एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात बताते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, हमें पता चला है कि उप राज्यपाल के ओएसडी ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा लगभग 1 हफ्ते पहले भलस्वा झील के दौरे पर गए थे और उन्होंने सरकारी अधिकारियों को नौकरी से निकालने की धमकी देकर इस भलस्वा लेक के सौंदर्यकरण से जुड़ी एक महत्वपूर्ण ड्रेन को रुकवा दिया. उन्होंने बताया कि भलस्वा लेक के पास एक ड्रेन है जो भलस्वा डेरी के गोबर को सप्लीमेंट्री ड्रेन में ले जाकर डालती थी, ताकि भलस्वा लेक में जाने वाली गंदगी को रोका जा सके, उसे स्वच्छ बनाया जा सके .
उन्होंने बताया क्योंकि इस ड्रेन की निकासी जो सप्लीमेंट्री ड्रेन में थी, उसे बंद कर दिया गया था, तो यह ड्रेन ओवरफ्लो होने लगी और एक बार फिर से इस ड्रेन से निकलने वाला गोबर भलस्वा झील में भर गया, जिस संदर्भ में बुराड़ी से विधायक संजीव झा एवं बादली विधानसभा से विधायक अजेश यादव ने जल मंत्री सौरभ भारद्वाज जी के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई और इस संदर्भ में एक बैठक के आयोजन का निवेदन रखा.
उन्होंने बताया कि जब बैठक का आयोजन किया गया तो विधायक संजीव झा और विधायक अजय यादव ने इस बात की शिकायत की, कि उप राज्यपाल के कार्यालय द्वारा अधिकारियों पर दबाव बनाकर इस ड्रेन को बंद करवा दिया गया है, जिसके कारण भलस्वा डेरी का सारा गोबर भलस्वा झील में भर गया. अपनी बात को सत्यापित करते हुए एक बार फिर से उन्होंने बताया कि इस बैठक के मिनट्स ऑफ मीटिंग आज भी दिल्ली जल बोर्ड के रिकॉर्ड में मौजूद हैं.
क्या दिल्ली सरकार का क्रेडिट उपराज्यपाल ले रहे हैं?
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बड़े ही दुख के साथ मुझे यह कहना पड़ रहा है कि दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली सरकार द्वारा दिन रात मेहनत करके जिस भलस्वा झील को पुनर्जीवित किया गया, आज उसका श्रेय उप राज्यपाल लेने की कोशिश कर रहे हैं . उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल जी एक गरिमामय पद पर बैठे हैं, उन्हें तो सरकार को इस प्रकार के अच्छे कार्यों के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, ना कि दूसरों के द्वारा किए गए कार्यों का झूठा श्रेय लेना चाहिए . उन्होंने कहा, कि उप राज्यपाल द्वारा इस प्रकार के कृत्य पिछले लंबे समय से लगातार किए जा रहे हैं . हम उनके पद की गरिमा को देखते हुए शांत थे . परंतु अब उपराज्यपाल ने सारी सीमा को पार कर दिया है, तो मजबूरी वश हमें जनता के समक्ष आकर यह बात बतानी पड़ रही है.
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