According to meteorologists will it rain now Know what is the plan for 5 years


भारतीय मौसम वैज्ञानिकों ने बारिश को लेकर खुशखबरी दी है. वैज्ञानिकों के मुताबिक वो अगले 5 सालों में इतने एक्सपर्ट हो जाएंगे कि वो बारिश, बिजली और ओलों की बारिश पर नियंत्रण कर लेंगे. जी हां. आपने सुना होगा कि बारिश को लेकर वैज्ञानिक और आम इंसान कहते हैं कि बारिश प्राकृतिक है और इस पर किसी का रोक नहीं है. लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर वैज्ञानिक ऐसा क्या करेंगे, जिससे उनका बारिश, बिजली पर कंट्रोल होगा. 

बारिश

बारिश, बिजली चमकना, बिजली गिरना और ओला गिरना ये सब कुछ प्राकृतिक है. कहा जाता है कि इस पर किसी का रोक नहीं है. हालांकि मौसम वैज्ञानिक तकनीक मदद से ये जरूर बता सकते हैं कि अगले कुछ घंटों में इन इलाकों में बारिश हो सकती है. लेकिन अब सवाल ये है कि वैज्ञानिक आखिर आगामी 5 सालों में क्या जान लेंगे, जिससे वो बारिश और बिजली पर कंट्रोल कर सकते हैं. 

ये भी पढ़ें: नैनीताल में लीक हुई खतरनाक क्लोरीन गैस, जानें कितनी मचा सकती है तबाही

वैज्ञानिकों का प्लान

भारतीय मौसम विभाग के अनुमानों के मुताबिक वैज्ञानिक अगले पांच वर्ष में ऐसी तकनीक इजाद कर लेंगे, जिससे वो बारिश को अपने हिसाब से कंट्रोल करने में सफल हो सकते हैं. इसका मतलब है कि जब जहां जितनी जरूरत होगी, वहां बारिश करवा सकते हैं. इतना ही नहीं अगर कहीं बहुत ज्यादा बारिश हो रही है, तो उसे रोक देंगे या कम कर देंगे. ऐसा ही वो बिजली और ओलों के साथ भी करने में कामयाब हो सकते हैं. 

ये भी पढ़ें: पॉलीग्राफ के बाद अब कोलकाता रेप कांड के आरोपी का होगा नार्को टेस्ट ?, जानें दोनों में क्या है अंतर

जल्द होगी टेस्टिंग

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सेक्रेटरी एम. रविचंद्रन ने बताया है कि हम बारिश को दबाने और बढ़ाने के शुरूआती टेस्ट्स करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि 18 महीने तक लैब में क्लाउड चैंबर्स बनाकर उनके अंदर टेस्ट किए जाएंगे. लेकिन ये पक्का है कि पांच सालों में हम बिल्कुल निश्चित रूप से मौसम में बदलाव लाने में सफल रहेंगे. इसका मतलब है कि आर्टिफिशियल वेदर मॉडिफिकेशन कर सकते हैं. रविचंद्रन ने बताया कि ये केंद्र सरकार की योजना ‘मिशन मौसम’ का हिस्सा है, जिसे आगे बढ़ाने की मंजूरी कैबिनेट से मिल चुकी है. 

ये भी पढे़ं: चोल साम्राज्य से बेहद खास था पोर्ट ब्लेयर का कनेक्शन, जिसका अब बदला गया नाम

मौसम की भविष्यवाणी

मिशन मौसम के तहत सिर्फ बारिश, बिजली और ओलों पर कंट्रोल नहीं बल्कि भविष्य के मौसम की एकदम सटीक भविष्यवाणी करने की तैयारी भी चल रही है. भारतीय मौसम विभाग इस मिशन को आगे बढ़ाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. वहीं मौसम विभाग ऐसी तैयारी कर रहा है कि भारत को क्लाइमेट स्मार्ट कहा जाएगा. ये तकनीक पहले ही एक दम सटीक बताएगा कि किस इलाके में बादल फटेगा, जिसके लिए वैज्ञानिक मौसम जीपीटी बना रहे हैं. 

ये भी पढ़ें: क्या बिजली गिरने से मर जाती हैं सारी मछलियां? जानें समुद्र में कैसे दौड़ता है करंट



Source link

x