Accused Released After 4 Years In False Rape Case In Bareilly, Bareilly Courts Big Decision In False Rape Case – झूठे रेप केस में 4 साल बाद आरोपी रिहा, लड़की को मिली उतने ही साल की सजा; 5.8 लाख का जुर्माना भी
बरेली में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे अदालत भी हैरान रह गई. महिलाओं के अत्याचार में फंसे एक लड़के को बिना किसी कारण बिना किसी गलती के 4 साल की जेल की सजा मिली. युवती इस पूरे षडयंत्र के तहत युवक को फंसाया और अदालत में सुनवाई के दौरान अपनी गवाही से मुकर गई तो इस मामले का खुलासा हुआ.
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हकीकत जब अदालत के सामने आई तो कोर्ट फैसला सुनाते हुए लड़के को दोष मुक्त किया और लड़की को भी उतनी ही सजा सुनाई. कोर्ट ने कहा कि जीतने दिन की लड़के ने सजा काटी है, उतने ही दिन की सजा लड़की को भी जेल में काटनी होगी. इसके अलावा अदालत में आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा है यदि लड़का जेल के बाहर रहता तो काम मजदूरी करते हुए इतने समय में 5,88000 से अधिक रुपए कमा लेता. इसलिए लकड़ी से यह रकम वसूल करके लडके को दी जाए. यदि ऐसा नहीं होता है तो लड़की को 6 महीने की अतिरिक्त सजा भी होगी.
बताया जा रहा है कि 2 सितंबर, 2019 को बारादरी थाने में लडके पर बेटी के अपहरण व दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने लड़के को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस पूरे मामले में लड़की ने लड़के पर नशीला प्रसाद खिलाने और दिल्ली ले जाकर कमरे में बंद कर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था.
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जानकारी के अनुसार इस मामले में अदालत में गवाही के दौरान लड़की मुकर गई, जिसके बाद अदालत ने लड़के को दोषमुक्त करार दिया. इस पूरे मामले में झूठी गवाही देने के लिए लड़की पर मुकदमा दर्ज किया गया. इस घटना मे अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा इस तरह की महिलाओं के कृत्य से वास्तविक पीड़िताओं को नुकसान उठाना पड़ता है. अदालत ने कहा कि यह समाज के लिए बेहद गंभीर स्थिति है. अपने मकसद की पूर्ति के लिए पुलिस व कोर्ट को माध्यम बनाना आपत्तिजनक है. आगे कहा कि अनुचित लाभ के लिए महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती.
अदालत ने कहा कि यह मुकदमा उन महिलाओं के लिए नजीर बनेगा, जो पुरुषों से वसूली के लिए झूठे मुकदमे लिखाती हैं. युवती मामले में एडीजीसी क्राइम सुनील पांडेय ने बताया कि ये वर्ष 2019 का मामला है. एक युवती की मां ने रेप का मुकदमा दर्ज करवाया था. अजय उर्फ राघव उसको जेल जाना पड़ा. जेल जाने के बाद जब उसका ट्रायल कोर्ट में चला तब पीडिता अपने बयानों से मुकर गई और कहा मुझे भागाकर नहीं ले गया. कोई रेप नही किया, तब कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लिया और झूठी गवाही देने के कारण इससे जेल भेज दिया और अभियुक्त राघव को रिहा कर दिया गया.
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