Acid rain can acid ever rain on the earth instead of water


पृथ्वी पर जब भी बारिश होती है तो आसमान से पानी ही गिरता है. लेकिन, जिस तरह से वातावरण बदल रहा है और प्रदूषण पृथ्वी के पर्यावरण को प्रभावित कर रहा है, ऐसे में वो दिन दूर नहीं जब पानी की जगह धरती पर एसिड की बारिश होगी. चलिए आज जानते हैं कि आखिर ऐसा किन परिस्थितियों में हो सकता है.

पहले जानिए क्या होती है एसिड वर्षा

पृथ्वी पर कुछ हद तक एसिड वर्षा (अम्लीय वर्षा) पहले से ही होती आ रही है.  हालांकि, पानी की जगह पूरी तरह से तेजाब बरसने की संभावनाओं को लेकर विज्ञान में कई परिकल्पनाएं हैं. धरती पर ऐसी स्थिति कई पर्यावरणीय, रासायनिक और खगोलीय घटनाओं की वजह से हो सकती है. अब समझिए एसिड वर्षा क्या होती है.

दरअसल, एसिड वर्षा तब होती है जब वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषक जलवाष्प के साथ मिलकर सल्फ्यूरिक एसिड या नाइट्रिक एसिड बनाने लगते हैं. यह अम्लीय बूंदें, धरती पर बारिश के रूप में गिरती हैं. हालांकि, यह वर्षा इतनी अम्लीय नहीं होती कि इसे शुद्ध रूप से तेजाब की वर्षा कहा जा सके.

क्या शुद्ध तेजाब की वर्षा हो सकती है?

सामान्य तौर पर ऐसा होना फिलहाल तो संभव नहीं है. लेकिन जलवायु, प्रदूषण या बाहरी खगोलीय कारक ऐसे माहौल का निर्माण कर सकते हैं, जो धरती पर तेजाब की बारिश करा सकता है. इसे ऐसे समझिए कि अगर धरती पर बहुत ज्यादा प्रदूषण बढ़ जाए या फिर सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषक वायुमंडल में बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाएं तो यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

खास तौर से इंडस्ट्री से होने वाले प्रदूषण का स्तर हाई होना, जीवाश्म ईंधनों का अधिक उपयोग और कारखानों से निकलने वाली ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में तेजी से बढ़ोतरी धरती पर तेजाब बरसाने के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं. इसके अलावा ज्वालामुखी का बड़ा विस्फोट वायुमंडल में सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और अन्य गैसों को छोड़ सकता है, जो तेजाब की वर्षा का कारण बन सकते हैं. 1991 में फिलीपींस के पिनातुबो ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद ऐसी स्थिति पैदा हुई थी. उल्कापिंड टकराव की वजह से भी ऐसा हो सकता है.

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